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झारखंड में फसल राहत योजना का हाल बेहाल, 17 लाख किसानों के आवेदन में अब तक 1.50 लाख का हुआ सत्यापन

फसल राहत योजना के तहत किसानों का निबंधन कराया था. जिन किसानों का खरीफ मौसम में फसल को नुकसान हुआ है, उनको आवेदन करना था. इसके लिए पूरे राज्य में करीब 17 लाख किसानों ने आवेदन फॉर्म लिया था. इसमें मात्र 1.50 लाख किसानों के आवेदन का ही सत्यापन हो पाया है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 2, 2022 10:59 AM

Ranchi News: राज्य सरकार ने खरीफ में सूखे की स्थिति को देखते हुए किसानों को राहत देने का निर्णय लिया है. सरकार ने 256 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया है. यहां के प्रभावित किसानों को अग्रिम के रूप में 3500 रुपये दिये जायेंगे. यह राशि किसानों को कैसे मिलेगी, इस पर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसिड्यूर (एसओपी) बना रहा है.

इससे पूर्व कृषि विभाग ने फसल राहत योजना के तहत किसानों का निबंधन कराया है. जिन किसानों का खरीफ मौसम में फसल को नुकसान हुआ है, उनको आवेदन करना था. इसके लिए सहकारिता विभाग ने पोर्टल के माध्यम से आवेदन मांगा था. जिनकी खेती प्रभावित हुई है, उनको आवेदन करना था. इसके लिए पूरे राज्य में करीब 17 लाख किसानों ने आवेदन फॉर्म लिया था. इसमें मात्र 1.50 लाख किसानों के आवेदन का ही सत्यापन हो पाया है.

भू राजस्व विभाग से आवेदनों का अनुमोदन नहीं हो पाने के कारण आवेदन फॉर्म अपलोड नहीं हो सका है. हालांकि इस मामले में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबु बकर सिद्दीख ने बताया कि फसल राहत बीमा योजना सुखाड़ घोषित होने से पहले की राहत योजना थी. यह योजना हर साल चलेगी. इसमें वैसे किसान, जिनकी खेती किसी कारण से प्रभावित हुई है, आवेदन कर इस स्कीम का लाभ ले सकते हैं. चूंकि अब राज्य सरकार ने 256 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित करने का निर्णय लिया है, इस कारण अब इसके लिए नये सिरे से आवेदन कराने की प्रक्रिया पर विचार हो रहा है.

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800 में मात्र 250 आवेदन ही हो पाये अपलोड

गढ़वा के मेराल प्रखंड की करकोमा पंचायत के मुखिया वीरेंद्र तिवारी ने बताया कि फसल राहत योजना के लिए निबंधन के बाद फॉर्म को अपलोड करना होता है. निबंधन कराने के बाद फॉर्म पर जनप्रतिनिधि के साथ अंचलाधिकारी से भी लैंड पजेशन सर्टिफिकेट(एलपीसी) लेना पड़ता है. अंचल में मामला लंबित रह जाने के कारण केवल 25 फीसदी आवेदन अपलोड हो पाये हैं. पंचायत में 800 किसानों ने निबंधन कराया था. इसमें मात्र 200 किसानों का ही फॉर्म अपलोड हो पाया है. इस कारण किसानों को यह चिंता है कि कहीं वे राहत योजना के लाभ से वंचित न रह जायें.

सूखा से राहत देने की योजना

पहले किसानों को मौसम के कारण फसल नुकसान होने पर फसल बीमा योजना का लाभ मिलता था. राज्य की मौजूदा सरकार फसल बीमा योजना की जगह पर फसल राहत योजना लायी है. इसके लिए बजट में एकमुश्त राशि का प्रावधान कर दिया गया है. इस वर्ष राज्य के 256 प्रखंडों को सूखा घोषित किया गया है. इस कारण इस योजना से निबंधित किसानों को भी सूखा राहत मिल पायेगी. 2018 में राज्य सरकार ने 129 तथा 2019 में राज्य सरकार ने 107 प्रखंडों को सूखा ग्रस्त घोषित किया था.

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