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CRPF IG, कमांडेंट, झामुमो कार्यकर्ताओं समेत 500 अज्ञात जवानों पर प्राथमिकी दर्ज, जानें पूरा मामला

सीएम आवास और आसपास के क्षेत्र में सदर अनुमंडलाधिकारी के आदेश से धारा 144 लागू होने के कारण 500 मीटर क्षेत्र में हथियार के साथ जाने पर पाबंदी है. अनुरोध किया गया कि आपलोग अपने कैंप लौट जायें. लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे.

By Prabhat Khabar News Desk | January 23, 2024 6:37 AM

रांची : सीआरपीएफ के आइजी, कमांडेंट और 500 अज्ञात जवानों के खिलाफ दंडाधिकारी सह रांची के सदर सीओ मुंशी राम की शिकायत पर सोमवार को गोंदा थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. प्राथमिकी आइपीसी की धारा 143, 188 और 353 के तहत करायी गयी है. सीओ ने प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि 20 जनवरी 2024 को दोपहर ढाई बजे 10 बड़े वाहनों से सीआरपीएफ के अधिकारी व जवान सीएम हेमंत साेरेन के कांके रोड स्थित सरकारी आवास की ओर जाने का प्रयास करने लगे. मैंने और वहां उपस्थित पुलिस पदाधिकारियों ने उन्हें बैरिकेडिंग के अंदर जाने से रोका. इस दौरान सीआरपीएफ के अधिकारियों को बताया गया कि जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की गयी है.

जिला प्रशासन ने सीआरपीएफ से सहयोग का अनुरोध भी नहीं किया है. ऐसी स्थिति में बिना जिला प्रशासन की अनुमति के आपके हथियारबंद जवानों के साथ पहुंचने से विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गयी है. सीएम आवास और आसपास के क्षेत्र में सदर अनुमंडलाधिकारी के आदेश से धारा 144 लागू होने के कारण 500 मीटर क्षेत्र में हथियार के साथ जाने पर पाबंदी है. अनुरोध किया गया कि आपलोग अपने कैंप लौट जायें. लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे. वह बलपूर्वक अधिकारियों व पुलिसबलों से उलझते रहे. सीआरपीएफ के लोग कह रहे थे कि सीआरपीएफ आइजी व कमांडेंट के आदेश के तहत उन लोगों को मुख्यमंत्री आवास जाना है.

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इसके बाद सीआरपीएफ द्वारा अपना वाहन एटीआइ और मुख्यमंत्री आवास के पिछले गेट के समीप लगा दिया गया. इसके बाद सीआरपीएफ जवानों द्वारा घेराबंदी की जाने लगी. विधि व्यवस्था की समस्या व शांति भंग करने का प्रयास किया जाने लगा. सूचना पर सिटी एसपी, अपर जिला दंडाधिकारी मौके पर पहुंचे और सीआरपीएफ के अधिकारियों को पुन: निषेधाज्ञा लागू होने और जिला प्रशासन द्वारा बिना बुलाये मुख्यमंत्री आवास के समीप आने पर आपत्ति जतायी गयी. बार-बार अनुरोध के बाद भी मोरहाबादी स्थित रांची विवि के भवन के समीप सीआरपीएफ द्वारा अपने वाहनों को ले जाया गया. इस वजह से विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गयी. काफी प्रयास के बाद स्थिति संभाली गयी. उल्लेखनीय है कि 20 जनवरी को इडी की टीम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ करने उनके कांके रोड स्थित आवास गयी थी.

जेएमएम समर्थकों सहित अन्य पर भी प्राथमिकी

कांके के सीओ सह दंडाधिकारी जय कुमार राम ने झारखंड मुक्ति मोर्चा समर्थकों और आमलोगों के खिलाफ सोमवार को गोंदा थाना में प्राथमिकी करायी है. कहा है कि 20 जनवरी की सुबह 11 बजे के करीब कांके रोड राम मंदिर तिराहा के नजदीक झारखंड मुक्ति मोर्चा समर्थकों और आमलोगों द्वारा प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के विरोध में नारा लगाते हुए प्रदर्शन किया जाने लगा. इन लोगों को क्षेत्र में धारा-144 लगे होने की जानकारी दी गयी. साथ ही वहां से उन्हें हटने का निर्देश दिया गया. लेकिन वे लोग नहीं हटे और नाजायज मजमा लगाकर प्रदर्शन करते रहे.

भीम आर्मी के 200 सदस्यों पर भी प्राथमिकी : 

धारा-144 वाले क्षेत्र में भीम आर्मी के 200 सदस्यों द्वारा जुलूस निकालकर प्रदर्शन किये जाने के मामले में भी सदर अंचलाधिकारी मुंशी राम ने गोंदा थाना में प्राथमिकी करायी है.

गृह सचिव ने डीजीपी, डीसी व एसएसपी से मांगी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री के कांके रोड स्थित सरकारी आवास पर बिना अनुमति सीआरपीएफ की टीम के पहुंचने के मामले में सरकार की ओर से गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी गयी थी. इस मामले में गृह सचिव ने डीजीपी अजय कुमार सिंह, 

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