झारखंड: चाईबासा नक्सली मुठभेड़ में अगवा सीआरपीएफ जवान बादल मुर्मू का नौ माह से सुराग नहीं, ये है लेटेस्ट अपडेट

जानकारी के अनुसार एक एनकाउंटर के बाद एक नक्सली का कॉल इंटरसेप्ट किया गया था. तब उस नक्सली को अपने साथी नक्सलियों से मोबाइल पर बात करने के दौरान यह कहते सुना गया कि जो जवान कब्जे में था, उसकी हत्या कर शव को जंगल में दफना दिया गया है. पश्चिमी सिंहभूम के एसपी ने कहा कि अभी क्लियरिटी नहीं है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 25, 2023 5:38 PM

रांची, अमन तिवारी: नौ माह पहले चाईबासा में नक्सल अभियान के दौरान हुई मुठभेड़ में लापता सीआरपीएफ जवान बादल मुर्मू का नक्सलियों ने अपहरण किया था. इसके बाद उसकी हत्या कर शव जंगल में दफना दिया गया था. हाल ही में नक्सलियों के टेलीफोनिक बातचीत के दौरान यह बात पुलिस अधिकारियों को सुनने को मिली. हालांकि अभी तक शव नहीं मिलने के कारण पुलिस अधिकारी उसकी हत्या की पुष्टि नहीं कर रहे हैं. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, करीब 10 दिन पूर्व यह बात सामने आयी थी कि बादल मुर्मू जीवित है और कोल्हान के जंगल में ही ही नक्सलियों के कब्जे में है, लेकिन जब पुलिस के स्तर से मामले का सत्यापन किया गया. तब बादल मुर्मू के जीवित होने की बात सामने नहीं आयी. नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान ही बादल मुर्मू नक्सलियों के ट्रैप में फंसा था और नक्सलियों ने उसका अपहरण कर लिया था. हालांकि अभी तक नक्सलियों ने उसकी हत्या की जिम्मेवारी नहीं ली है. पश्चिमी सिंहभूम के एसपी आशुतोष शेखर ने कहा कि बादल मुर्मू के मरने या जीवित होने के संबंध में अभी कोई क्लियरिटी नहीं है, लेकिन जिस इलाके में वह लापता हुआ था, इससे उसके बचे होने की उम्मीद अब नहीं है.

एनकाउंटर के बाद एक नक्सली का कॉल किया गया था इंटरसेप्ट

जानकारी के अनुसार, हाल ही में एक एनकाउंटर के बाद एक नक्सली का कॉल इंटरसेप्ट किया गया था. तब उस नक्सली को अपने साथी नक्सलियों से मोबाइल पर बात करने के दौरान यह कहते सुना गया कि जो जवान कब्जे में था, उसकी हत्या कर शव को जंगल में दफना दिया गया है. इधर, पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, करीब 10 दिन पूर्व यह बात सामने आयी थी कि बादल मुर्मू जीवित है और कोल्हान के जंगल में ही ही नक्सलियों के कब्जे में है, लेकिन जब पुलिस के स्तर से मामले का सत्यापन किया गया. तब बादल मुर्मू के जीवित होने की बात सामने नहीं आयी.

Also Read: बिनोद बिहारी महतो जन्मशताब्दी: आजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश महतो बोले, बिनोद बाबू के सपनों का बनाएंगे झारखंड

नक्सलियों ने बादल मुर्मू का कर लिया था अपहरण

जानकारी के अनुसार बादल मुर्मू सरायकेला जिला के राजनगर का रहनेवाला है. जनवरी 2023 में नक्सलियों के खिलाफ शुरू किये गये अभियान में वह शामिल था. नक्सलियों ने पुलिस को ट्रैप करने के लिए जगह-जगह स्पाइक हॉल्स और आईईडी लगा रखे थे. अभियान के दौरान ही बादल मुर्मू नक्सलियों के ट्रैप में फंसा था और नक्सलियों ने उसका अपहरण कर लिया था. हालांकि अभी तक नक्सलियों ने उसकी हत्या की जिम्मेवारी नहीं ली है.

Also Read: बिनोद बिहारी महतो जन्मशती: झामुमो ने झारखंड के लिए संघर्षों को किया याद, संगठन की मजबूती का दिया निर्देश

स्पेशल एरिया कमेटी के प्रवक्ता ने कही ये बात

नक्सली संगठन बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी के प्रवक्ता आजाद द्वारा घटना को लेकर तैयार दस्तावेज के अनुसार नक्सल अभियान के दौरान जब कोई आदिवासी जवान मारा जाता है, तब उसकी हकीकत को छिपाया जाता है. इसका जीता जागता उदाहरण सीआरपीएफ 197 बटालियन का जवान बादल मुर्मू है. उसे कोल्हान वन क्षेत्र में जारी नक्सल अभियान में भेजा गया था. वह संभवत: मारा गया है, लेकिन उसकी मौत की सच्चाई को छिपाने के लिए उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया है.

Also Read: बिनोद बिहारी महतो की जन्मशती: झारखंड के लोकगीतों में रचे-बसे हैं बिनोद बाबू

क्या कहते हैं पश्चिमी सिंहभूम के एसपी आशुतोष शेखर

पश्चिमी सिंहभूम के एसपी आशुतोष शेखर ने कहा कि बादल मुर्मू के मरने या जीवित होने के संबंध में अभी कोई क्लियरिटी नहीं है, लेकिन जिस इलाके में वह लापता हुआ था, इससे उसके बचे होने की उम्मीद अब नहीं है.

Also Read: बिनोद बिहारी महतो की जन्मशती: ‘बाबू’ की प्रतिमा के इंतजार में बड़ादाहा गांव

Next Article

Exit mobile version