सीआरपीएफ ने ग्रामीणों को मारा-पीटा पुलिस ने नक्सलियों को बनाया आरोपी
पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाता एक मामला चाईबासा में सामने आया है. गोइलकेरा थाना क्षेत्र के अंजेरबेडा गांव के लोगों का आरोप है कि 15 जून 2020 को सीआरपीएफ के जवानों ने ग्रामीणों से नक्सलियों के बारे में जानकारी मांगी.
राणा प्रताप, रांची : पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाता एक मामला चाईबासा में सामने आया है. गोइलकेरा थाना क्षेत्र के अंजेरबेडा गांव के लोगों का आरोप है कि 15 जून 2020 को सीआरपीएफ के जवानों ने ग्रामीणों से नक्सलियों के बारे में जानकारी मांगी. ग्रामीणों ने हो भाषा में जानकारी नहीं होने की बात कही. इस पर नाराज जवानों ने ग्रामीणों की पिटाई कर दी.
कई ग्रामीण घायल हो गये. एक का पैर टूट गया. इसके बाद जवान चले गये. अगले दिन 16 जून को घायल लोग जिला मुख्यालय पहुंचे. मुफस्सिल थाना ने यह कहते हुए प्राथमिकी दर्ज नहीं की कि यह मामला उनके क्षेत्र का नहीं है.
निराश होकर पीड़ित इलाज के लिए सदर अस्पताल गये. इलाज कराया. वहां पर सदर थाना के दारोगा ने बमिया सुरीन का बयान लिया. इसके बाद गोइलकेरा थाना में कांड संख्या 20/2020 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी. प्राथमिकी में पुलिस ने सीआरपीएफ के जवानों के बदले नक्सलियों को आरोपी बना दिया. जब सही प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी, तो ग्रामीण प्रधान तामसोय ने 18 जून को अॉनलाइन प्राथमिकी दर्ज करायी.
फिर भी गोइलकेरा थाना ने सुधार नहीं किया. पीड़ित एसपी से भी मिले पर कार्रवाई नहीं हुई. अब प्राथमिकी में सुधार के लिए पीड़ित दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. थक-हारकर उन्होंने हाइकोर्ट की शरण ली है. हाइकोर्ट में क्रिमिनल रिट याचिका दायर कर प्राथमिकी में सुधार के बाद मामले की जांच की मांग की गयी है.
यह हुए थे घायल : पिटाई से 13 साल का बमिया वहांदा, 16 साल का माधो कायम, गानोर तामसोय, गोंज सुरीन, राम सुरीन, गुरुचरण पूर्ति, सीमू सुंडी, सीदिक जोजो, सिंगे पूर्ति, डोबरो सुरीन, डोमके तामसोय व गुना गोप घायल हो गये थे.
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चाईबासा के गोइलकेरा थाना क्षेत्र के चिड़ियाबेडा टोला का मामला
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15 जून 2020 को जवानों ने ग्रामीणों से नक्सलियों के बारे में पूछा
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ग्रामीणों ने हो भाषा में कहा : उन्हें नहीं है पता, तो जवानों ने पीटा था
Post by : Pritish Sahay