रांची (विशेष संवाददाता). चेरी-मनातू स्थित रिंग रोड से केंद्रीय विवि, झारखंड (सीयूजे) कैंपस तक लगभग तीन किलोमीटर तक का एप्रोच रोड पिछले 15 साल में नहीं बन सका है. विवि प्रशासन राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सांसद, उपायुक्त सहित संबंधित विभाग के पास जाकर कई बार आग्रह कर चुका है. लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया. इस मामले का हल निकालने के लिए तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भी राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक की, निर्देश भी दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. विवि कैंपस में दो बार राष्ट्रपति का आगमन भी हुआ. इस दौरान एप्रोच रोड बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन राष्ट्रपति के जाते ही मामला फिर जस के तस रह गया. एप्रोच रोड के लिए रैयती जमीन लेने के लिए राज्य सरकार ने मुआवजा राशि के साथ-साथ सड़क निर्माण के लिए 35 करोड़ रुपये भी निर्धारित कर स्वीकृत कर दी, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से अब तक न तो रैयतों की जमीन ली गयी और न ही मुआवजा का वितरण हो सका. वर्ष 2011 में निर्धारित मुआवजा राशि में वर्तमान में 10 गुणा बढ़ गयी है. विवि प्रशासन का कहना है कि इस विवि में देश-विदेश के विद्यार्थी पढ़ने आते हैं. विद्यार्थियों के अभिभावक भी आते-जाते रहते हैं. विवि के शिक्षक, कर्मचारी अधिकारी भी कैंपस आने-जाने के लिए इसी सड़क का इस्तेमाल करते हैं. सड़क नहीं बनने से विवि की एक इंजीनियर की भी कार दुर्घटना में मौत हो चुकी है. विद्यार्थियों से भरी बस भी एक बार पलट चुकी है. अब एक बार फिर विवि के रजिस्ट्रार केके राव ने उपायुक्त को लिखित रूप से एप्रोच रोड बनाने का आग्रह किया है.
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