CUJ Third Convocation: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 28 फरवरी को तीन विद्यार्थियों को देंगी चांसलर मेडल, 67 को मिलेगा गोल्ड मेडल
CUJ Third Convocation: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 28 फरवरी को सीयूजे के तीन विद्यार्थियों को चांसलर मेडल देंगी. 67 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिया जाएगा. सीयूजे के कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास ने पत्रकारों को ये जानकारी दी.
रांची: सीयूजे (केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड) का तीसरा दीक्षांत समारोह (CUJ Third Convocation) 28 फरवरी को है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन विद्यार्थियों को चांसलर मेडल देंगी. 1539 विद्यार्थियों में से समारोह के लिए रजिस्टर्ड कराये 920 विद्यार्थियों के बीच डिग्री का वितरण किया जायेगा. 67 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिए जाएंगे, जिनमें 32 लड़कियां हैं. समारोह में 35 पीएचडी डिग्री होल्डर भी शामिल होंगे. इनमें लगभग 16 लड़कियां हैं. रविवार को सीयूजे के कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास ने पत्रकारों को ये जानकारी दी.
राज्यपाल व सीएम होंगे शामिल
सीयूजे के कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 28 फरवरी को दोपहर 12 बजे रांची के चेरी-मनातू स्थित सीयूजे के नए परिसर में पहुंचेंगी. वहां एक घंटा रहने के बाद वे लौट जाएंगी. समारोह में झारखंड के राज्यपाल सह कुलाधिपति सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन सहित केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भी शामिल होने की सहमति प्रदान की है. सीयूजे के चांसलर प्रो जेपी लाल भी विशेष रूप से उपस्थित होंगे. समारोह में शामिल होने के लिए अभिभावकों सहित गांवों के मुखिया को भी आमंत्रित किया गया है. समारोह सीयूजे के नवनिर्मित सभागार में होगा. इसके लिए जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 28 को आयेंगी रांची, CUJ के दीक्षांत समारोह में होंगी शामिल
एक दशक बाद जर्जर सड़क की होने लगी मरम्मत
सीयूजे के चेरी-मनातू स्थित कैंपस जाने के लिए रिंग रोड से लगभग तीन किलोमीटर की सड़क पिछले 12 साल से नहीं बन रही थी. इसके लिए सीयूजे ने कई बार राज्य सरकार, जिला प्रशासन से आग्रह किया था, लेकिन राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए उस सड़क का निर्माण तेजी से चल रहा है. 15 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए मुआवजा आदि देने के कार्य में भी तेजी आ गयी है. कुलपति ने कहा कि सीयूजे में अभी भी आधारभूत समस्याएं हैं. इनमें सड़क सहित पानी, बिजली, जमीन अधिग्रहण आदि शामिल हैं. इसके लिए राज्य सरकार को ही पहल करनी है.