रांची : बिजली बिल भुगतान के लिए बनाये गये लचर आइटी सिस्टम के चलते उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है. हर महीने के आखिर में यह समस्या बढ़ जाती है. नेटवर्क कन्जेशन के चलते ऊर्जा मित्र के हैंड हेल्ड मशीन से लेकर एटीपी काउंटर तक का सर्वर काम करना बंद कर देता है.
जेबीवीएनएल का आइटी डिवीजन बहाने बनाकर इस सब पर पर्दा डालने में जुटा है. यही हाल इजी बिजली एप और और मीटर रीडिंग के लिए बनाये गये इजी बिल एप का भी है. तकनीकी परेशानियों के कारण यह सिस्टम उपभोक्ताओं को परेशान कर रहा है. इस सब का नतीजा जेबीवीएनएल को राजस्व क्षति के तौर पर उठाना पड़ रहा है.
पिछले महीने 17 सितंबर से 28 सितंबर तक सर्वर की हालत खराब रही. जिसका नतीजा यह हुआ कि क्षमता से करीब 17 प्रतिशत कम बिजली बिल तैयार हुआ. सितंबर महीने में उपभोक्ताओं ने करीब 61 करोड़ का बिल अदा किया, जो जेबीवीएनएल के कुल राजस्व का करीब 20 फीसदी से ज्यादा है. सर्वर का बैंडविथ इस कदर लचर है कि इस अवधि के बीच बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं का बिल तैयार ही नहीं किया जा सका.
बिलिंग कंपनी कम वसूली कर रही है. इसके लिए अर्बन इलाकों के अंदर 90% जबकि ग्रामीण इलाकों में 80% से कम बिलिंग होने पर ऊर्जा मित्रों को संचालित करने वाली कंपनी पर जुर्माना लगाया जा रहा है.
posted by : sameer oraon