Jharkhand Cyber Crime: झारखंड में इस वर्ष साइबर अपराध के कुल 617 केस दर्ज किए गए हैं. इनमें 417 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है. झारखंड पुलिस की ओर से सीएम हेमंत सोरेन को ये जानकारी पुलिस अधीक्षकों (एसपी) के साथ समीक्षा बैठक में दी गयी. इस दौरान सीएम ने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर को कैसे बेहतर बनाएं. इस पर आपको अपने स्तर पर कार्य करने की जरूरत है. अपराध के कई चेहरे हैं. तरह-तरह के आपराधिक मामले सामने आ आ रहे हैं. साइबर अपराध और महिला उत्पीड़न जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं. इनसे निपटने के लिए ठोस रणनीति बनानी होगी.
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि भुक्तभोगी को जल्द से जल्द इंसाफ मिले, इस दिशा में आपको पूरी कार्रवाई करने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने पुलिस पदाधिकारियों से कहा कि अपराधियों से निपटने के लिए आप कठोरता से कार्रवाई करते हैं, वहीं महिला और पारिवारिक मामलों में पूरी संजीदगी और संवेदना के साथ आपको अपनी जिम्मेदारियों को निभाना होता है. ऐसी दोनों ही परिस्थितियों में आपका निर्णय काफी मायने रखता है. आप ऐसा कदम उठाएं, जिसका सकारात्मक नतीजा सामने आए.
इस वर्ष साइबर अपराध के कुल 617 केस दर्ज किए गए हैं. जिनमें 417 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है. कई पीड़ितों को 72 लाख रुपया की वापसी कराई गई है. मादक पदार्थों के अवैध कारोबार को लेकर इस वर्ष अब तक 353 केस दर्ज किए गए हैं और 489 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. इस वर्ष 2628 एकड़ खेत से गांजा की अवैध फसल नष्ट की गयी है. इसमें 41 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है जबकि 13 की गिरफ्तारी हुई है. इस वर्ष बालू के अवैध कारोबार को लेकर 903 छापामारी की गई है. जिसमें 725 केस दर्ज किए गए हैं. 430 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. इसके अलावा 15 सौ से ज्यादा वाहन जब्त किए गए हैं. पत्थर के अवैध कारोबार को लेकर इस वर्ष 260 छापामारी की गई है और 164 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जबकि 322 वाहन जब्त किए गए हैं. शराब के अवैध कारोबार को लेकर दर्ज किए गए 386 मामलों में 350 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
वारंटों का तामिला त्वरित गति से करें. विभिन्न मामलों में चार्जशीट दाखिल करने की गति तेज हो. कांडों के अनुसंधान में तेजी लाई जाए. छोटे-छोटे केसों में कई लोग लंबे समय से जेल में बंद हैं. ऐसे मामलों का प्राथमिकता के आधार पर जल्द निष्पादन किया जाए. शहरों और हाईवे पर पेट्रोलिंग में किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाए. ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस सूचना तंत्रों के साथ संपर्क को बेहतर बनाएं. थानों की व्यवस्था को दुरुस्त करें और मामलों का निष्पादन जल्द हो. वर्दी के प्रति लोगों की विश्वसनीयता बढ़े, इसे ध्यान में रखकर पुलिस अपनी कार्रवाई करें. शक्ति एप्प का करें प्रचार प्रसार करें, ताकि महिलाएं अपनी शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करा सकें. स्कूल कॉलेजों के आसपास मनचलों के खिलाफ नियमित अभियान चले.