Cyber Crime : साइबर अपराधियों के गैंग का मुख्य सरगना ईशान चढ़ा पुलिस के हत्थे, पढ़िए दुकानदारों से कैसे करता था ऑनलाइन फ्रॉड ?
Cyber Crime : रामगढ़ : साइबर अपराध के मामले थम नहीं रहे हैं. एक बार फिर साइबर ठगी का मामला सामने आया है. इस मामले में रामगढ़ पुलिस ने साइबर अपराधियों का गैंग चलानेवाले मुख्य सरगना ईशान गिरी को अरेस्ट कर लिया है. ये दुकानदारों को फोन पे समेत अन्य ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए चूना लगाता था. ये अपराधी राजधानी रांची के सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के किशोरगंज का रहनेवाला है.
Cyber Crime : रामगढ़ : साइबर अपराध के मामले थम नहीं रहे हैं. एक बार फिर साइबर ठगी का मामला सामने आया है. इस मामले में रामगढ़ पुलिस ने साइबर अपराधियों का गैंग चलानेवाले मुख्य सरगना ईशान गिरी को अरेस्ट कर लिया है. ये दुकानदारों को फोन पे समेत अन्य ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए चूना लगाता था. ये अपराधी राजधानी रांची के सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के किशोरगंज का रहनेवाला है.
रामगढ़ जिले के गोला रोड चट्टी बाजार निवासी अनिकेत दांगी (पिता-डोमन महतो) ने रामगढ़ थाने में आवेदन दिया है. इसमें कहा गया है कि गोला रोड चट्टी बाजार में दी मोबाइल स्टोर के नाम से उसकी एक मोबाइल की दुकान है. 26 सितंबर को ईशान गिरी नाम का एक व्यक्ति रात आठ बजे उसकी दुकान पर आया और एक फोन ओप्पो खरीदा. इसकी कीमत 23,200 रुपये है. फोन पे के जरिए मेरे मोबाइल पर ट्रांजेक्शन किया. इसके बाद मेरे मोबाइल पर ट्रांजेक्शन का मैसेज आया और वह व्यक्ति मोबाइल लेकर चला गया.
जब अपनी खाता संख्या का बैलेंस चेक किया, तो पता चला कि मेरे साथ धोखाधड़ी की गयी है. 27 सितंबर की शाम को वो मेरी दुकान के सामने से जाता हुआ दिखायी दिया. उसे अपने सहयोगियों की मदद से पकड़ा. उसके पास से मेरी दुकान से धोखाधड़ी कर लिया हुआ मोबाइल ओप्पो मिला, जो मैंने वापस ले लिया. इस दौरान वहां पुलिस आ गयी और ईशान गिरी को अपने साथ ले गयी. आपको बता दें कि ईशान गिरी राजधानी रांची के सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के किशोरगंज मध्य विद्यालय के समीप का रहनेवाला है.
रामगढ़ थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विद्या शंकर के अनुसार ईशान गिरी एक साइबर गैंग चलाता है. वह गैंग का मुख्य सरगना है. उसने रामगढ़ जिले में कई साइबर अपराधों को अंजाम देने की बात कबूल की है. उनसे बताया है कि बड़े दुकानों व मॉल में जाकर वह शॉपिंग करता था. इस दौरान पेटीएम और अन्य ऑनलाइन वेबसाइट के सहारे पेमेंट करने को कहता था. ऑनलाइन पेमेंट में दुकानदार को यह लगता था कि उसके खाते में पैसा चला गया है, जबकि पैसा बैंक खाते में नहीं जाता था.
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Posted By : Guru Swarup Mishra