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रांची यूनिवर्सिटी में साइबर सिक्योरिटी कोर्स की शुरुआत, राज्यपाल बोले- यह देगा रोजगार का अवसर

रांची विश्वविद्यालय के साइबर सिक्योरिटी कोर्स का शुभारंभ राज्यपाल रमेश बैस ने किया. इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि रांची विवि में कोर्स शुरू होना प्रशंसनीय है. आज दुनिया पूरी तरह से इंटरनेट पर निर्भर है. दूसरी तरफ साइबर क्राइम के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं.

Ranchi news: राज्यपाल रमेश बैस ने कहा है कि सूचना प्रौद्योगिकी में आयी क्रांति और सुरक्षा से जुड़े मामलों की बढ़ती मांग को देखते हुए साइबर सुरक्षा की दिशा में गंभीरता से सोचना आज जरूरी है. ऐसे कोर्स से रोजगार के अवसर मिलते हैं. राज्यपाल शुक्रवार को रांची विश्वविद्यालय के साइबर सिक्योरिटी कोर्स (राज्य का पहला) के शुभारंभ के अवसर पर बोल रहे थे. उन्होंने मोरहाबादी के बेसिक साइंस कैंपस के फिजिक्स डिपार्टमेंट में रांची विवि आइइटीई साइबर पीस सेंटर फॉर एक्सीलेंस का भी उद्घाटन किया. साथ ही 15 मिनट तक साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी जानकारी ली और साइबर हमला कैसे होता है, उसे नजदीक से देखा.

साइबर सिक्योरिटी कोर्स की शुरुआत होना प्रशंसनीय: राज्यपाल

राज्यपाल ने कहा कि रांची विवि में कोर्स शुरू होना प्रशंसनीय है. आज दुनिया पूरी तरह से इंटरनेट पर निर्भर है. दूसरी तरफ साइबर क्राइम के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. साइबर क्राइम को रोकने के लिए साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों की मांग बढ़ती जा रही है. इसके बाद राज्यपाल ने बेसिक साइंस कैंप में कल्पवृक्ष लगाये. आर्यभट्ट सभागार में विवि के परफॉर्मिंग एंड फाइन आर्ट विभाग के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये. इस अवसर पर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा, डीएसडब्ल्यू डॉ राजकुमार शर्मा, कुलसचिव डॉ मुकुंद चंद्र मेहता, वित्त पदाधिकारी डॉ एएन शाहदेव, स्मृति सिंह,साइबर पीस के ग्लोबस प्रेसीडेंट मेजर विनीत कुमार, आइटटीसी के निरंजन प्रसाद आदि मौजूद थे.

यूजीसी में ऊंचा रैंक प्राप्त करना है लक्ष्य: कुलपति

रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि रांची विवि की शुरुआत 10 पीजी कोर्स के साथ हुई थी. आज यहां 30 पीजी विभाग संचालित हैं. इसके अलावा 1,65,000 विद्यार्थी अध्ययनरत है. उन्होंने कहा कि कोशिश है कि सबके प्रयास से रांची विवि को और आगे ले जायें और यूजीसी की रैंकिंग में ऊंचा स्थान प्राप्त करें. आइटीसी के निरंजन प्रसाद ने बताया कि हमारा संस्थान अभी लगभग 114 देशों में कार्यरत है. कोशिश है कि हम झारखंड में साइबर सुरक्षा को लेकर एक पहल करें. इसी के तहत रांची विवि के साथ एमओयू कर डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत की गयी है. मेजर विनीत ने भी अपने विचार दिये.

विनोबा भावे विवि. पीजीडीएम इन साइबर डिफेंस कोर्स का ब्रोशर जारी

विनोबा भावे विवि में पीजी डिप्लोमा इन साइबर डिफेंस ऑनलाइन कोर्स शुरू हो रहा है. राज्यपाल रमेश बैस ने शुक्रवार को राजभवन में इसका ब्रोशर जारी किया. यह कोर्स साइबर विद्यापीठ फाउंडेशन के सहयोग से चलाया जा रहा है. कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव ने कहा कि समय की मांग को देखते हुए विवि ने यह कोर्स शुरू किया है. नामांकन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. इसके बाद विद्यार्थियों को ऑनलाइन पायथन प्रोग्रामिंग और साइकोमेट्रिक टेस्ट से गुजरना होगा. इसमें सफल विद्यार्थी ऑनलाइन आवेदन करेंगे. फीस 80 हजार रुपये (टैक्स अलग से) है. बैंक द्वारा ऋण की सुविधा दी जायेगी. इस अवसर पर डॉ. आशीष साहा, डॉ अरुण मिश्रा, प्रो गीता सिन्हा, डॉ ममता वर्मा, बालाजी वेंकेटेश्वर, सोेनम सुगंधा, सर्वेश रौनक, डॉ सुधाकर देव, शशांक शेखर मौजूद थे.

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साइबर सिक्योरिटी के लिए जागरूक करने की जरूरत

इधर, रांची प्रेस क्लब में साइबर विद्यापीठ के चेयरमैन शशांक शेखर ने कहा कि यह इंटीग्रेटेड कोर्स की तरह है. इसमें विषय की बाध्यता नहीं होगी. किसी स्ट्रीम का विद्यार्थी नामांकन ले सकता है. प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्र ने कहा कि आम लोगों को भी साइबर सिक्योरिटी के लिए जागरूक करने की जरूरत है.

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