Jharkhand News: साइक्लोपीडिया ग्रुप (रांची) के आठ सदस्य बैंकॉक में साइकिल अभियान के तहत करीब 800 किलोमीटर की दूरी तय कर हवाई मार्ग से गुरुवार को रांची लौटे. ग्रुप के चंद्रशेखर किंगर ने बताया कि सफर के दौरान उनका स्थानीय लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. सफलतापूर्वक उन्होंने साइकिल यात्रा पूरी की और वापस लौटे. बहावलपुरी पंजाबी समाज ने इसकी सराहना की.
साइकिल से 800 किमी का सफर
बैंकॉक से फुकेत तक की साइकिल यात्रा के लिए रांची से रवाना हुए साइक्लोपीडिया ग्रुप के आठ साइकिल सवारों ने पहले दिन हुआ हिन से प्राचुअप खीरी खान 130 किमी, दूसरे दिन प्राचुअप खीरी खां से बंग सफर 105 किमी, तीसरे दिन बंग सफ़न से चुम्फॉन 110 किमी, चौथे दिन चुम्फॉन से पाक नाम तको 85 किमी, पांचवें दिन पाक नाम ताको से बान ट्रांग 75 किमी, छठे दिन बान त्रांग से कापो 65 किमी, सातवें दिन कपोई से सी फांग नगा राष्ट्रीय उद्यान 105 किमी एवं आठवें एवं अंतिम दिन सी फांग नगा राष्ट्रीय उद्यान से एओ फांग नगा राष्ट्रीय उद्यान (फुकेत) 110 किमी साइकिल चलाकर अभियान को पूरा किया.
साइक्लोपीडिया ग्रुप में ये थे शामिल
इससे पहले बैंकॉक में थाईलैंड टूरिज्म अथॉरिटी द्वारा ग्रुप के सदस्यों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया और थाईलैंड टूरिज्म अथॉरिटी के डायरेक्टर अर्चावन कोंगकनंत ने झंडी दिखाकर अभियान की शुरूआत की थी और रवाना करते हुए सभी सदस्यों को सफल यात्रा की शुभकामनाएं दी थीं. इस ग्रुप में कनिष्क पोद्दार, गौतम कुमार, चंद्रशेखर किंगर, गौतम चौधरी, सौरव माहेश्वरी, अनिल अग्रवाल, आशीष कुमार एवं विकास सिन्हा शामिल थे.
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यात्रा के दौरान नहीं किया ओवरटेक
ग्रुप के चंद्रशेखर किंगर ने बताया कि सफर निश्चित रूप से परेशानी भरा था, लेकिन सभी ने चुनौती स्वीकार की और अभियान को सफलतापूर्वक पूरा किया. यात्रा के दौरान साइकिल चालकों को कोई बड़ी चोट या समस्या का सामना नहीं करना पड़ा. साइकिलिंग के दौरान उन्होंने ओवरटेक भी नहीं किया. रास्ते में आने वाले गांव के लोगों, छोटे रेस्तरां मालिकों, स्थानीय साइकिल चालकों और कई लोगों ने स्वागत किया. साइकिल चलाना फिटनेस के लिए जरूरी है.
समाज ने की सराहना
बहावलपुरी पंजाबी समाज के संरक्षक डॉ सतीश मिढ़ा, अध्यक्ष ललित किंगर, सचिव अश्विनी सुखीजा, मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा तथा बहावलपुरी पंजाबी समाज महिला समिति के अध्यक्ष रवि नागपाल एवं सचिव मनीषा मिढ़ा ने इस अभियान में शामिल हुए समाज के 52 वर्षीय चंद्रशेखर किंगर की सराहना करते हुए उनके जज्बे की दाद दी एवं उन्हें युवाओं के साथ-साथ उनकी उम्र के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बताया.