Dahi Handi Competition: अलबर्ट एक्का चौक पर दही-हांडी प्रतियोगिता, देखें तस्वीरें
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर दही-हांडी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता में गोविंदाओं की 10 टीमों ने हिस्सा लिया. इसमें पुरुष गोविंदा की आठ और महिला गोविंदा की दो टीमें शामिल हुईं. जहां गोविंदाओं ने 1.42 मिनट में मटकी फोड़ी तो वहीं, गोपियों ने मटकी फोड़ने में 35 सेकेंड लिये.
अलबर्ट एक्का चौक (मेन रोड) के पास दो वर्ष बाद दही-हांडी फोड़ प्रतियोगिता का उल्लास दिखा. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आयोजित दही हांडी प्रतियोगिता में गोविंदाओं की 10 टीमों ने हिस्सा लिया. इसमें पुरुष गोविंदा की आठ और महिला गोविंदा की दो टीमें शामिल हुईं. पुरुष गोविंदाओं के लिए 22 फीट की ऊंचाई पर दही-हांडी टांगी गयी थी, जिसे बजरंग दल मलती (मांडर) ने 1.42 मिनट (दूसरा प्रयास) में फोड़ दिया. वहीं महिला गोविंदा की टीम (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा) ने 20 फीट ऊंची मटकी को सिर्फ 35 सेकेंड में फोड़ 51 हजार रुपये का नकद पुरस्कार जीता.
जमशेदपुर और बंगाल के कलाकारों ने नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी. श्याम संघ के मनोज काबरा व अन्य भक्तों ने भजन पर सबको झुमाया. लखनऊ के अंशु गोस्वामी पागल बाबा ने सांवरिया मेरी नौकरी पक्की करो, भक्त जहां नहीं होगा भगवान कहां होंगे की प्रस्तुति दी. लखनऊ की ज्योति गोस्वामी ने काला कमली वाला मेरा यार है… हम देख तेरा दरबार दीवाने हो गये… जैसे भजन गाये.
आइएचएम रांची में शनिवार को दही-हांडी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें कॉलेज के तीनों वर्ष के विद्यार्थी शामिल हुए. विद्यार्थियों को पांच मिनट में 15 फीट ऊंची दही मटकी फोड़ना था, जिसमें 3 वर्ष के विद्यार्थी विजेता बने. इस अवसर पर प्राचार्य डॉ भूपेश कुमार आदि मौजूद थे.
विजेता पुरुष टीम को 71 हजार और महिला टीम को 51 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया. वहीं, प्रतियोगिता में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शिवनंदन पाठक, सांसद संजय सेठ, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू व महुआ माजी, विधायक सीपी सिंह, मेयर आशा लकड़ा, रमेंद्र कुमार, राम बांगड़, कुणाल आजमानी, संजय जायसवाल, मीडिया प्रभारी प्रमोद सारस्वत व संजय पोद्दार का रहा योगदान.
रांची में श्री कृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव, नंदोत्सव और भगवान का छठी महोत्सव अग्रसेन भवन में मनाया. कोलकाता की रास मंडली ने कान्हा के जन्मोत्सव लीला, शिवदर्शन लीला, नंदोत्सव लीला, मीरा चरित्र और छठी लीला का वर्णन नृत्य नाटिका से किया. जिसमें 1000 श्रद्धालु शामिल हुए़.