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राज्य सरकार से डकरा परियोजना को मिला सीटीओ

30 जून को समाप्त होनेवाला है डकरा का सीटीओ अवधि

By Prabhat Khabar News Desk | June 27, 2024 10:00 PM

प्रतिनिधि, डकरा एनके एरिया की सबसे पुरानी कोयला खदान डकरा अपने उम्र के अंतिम पड़ाव पर है. उसका अगले एक साल के लिए राज्य सरकार से कंर्सन टू ऑपरेट (सीटीओ) मिल गया है. इससे डकरा परियोजना प्रबंधन से लेकर एनके एरिया और सीसीएल प्रबंधन ने राहत की सांस ली है. समय पर सीटीओ नहीं मिलने के कारण एनके एरिया की रोहिणी परियोजना दिसंबर 2023 से अभी तक बंद है. डकरा का सीटीओ अवधि दो दिन बाद 30 जून को समाप्त होनेवाला है. ऐसे में समय रहते परियोजना को जल प्रदूषण की रोकथाम अधिनियम 1974 की धारा 25/26 और वायु प्रदूषण की रोकथाम अधिनियम 25 एक बी/,25 एक सी और 26 के तहत 1981 की धारा 21 ए के तहत सीटीओ मिलना, इसलिए भी बड़ी खबर है, क्योंकि चालू वित्तीय वर्ष में डकरा को 5.50 लाख टन कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य दिया गया है. परियोजना पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह केडीएच के साथ-साथ डकरा पीओ भी हैं. उन्होंने प्रभात खबर को बताया कि खदान और डकरा रेलवे साइडिंग को अगले एक साल के लिए सीटीओ मिल गया है और अब हमलोग मिलकर सुरक्षित तरीके से कोयला उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे. रोहिणी परियोजना को भी मिला सीटीइ : दिसंबर 2023 से बंद रोहिणी परियोजना को भी राज्य सरकार से सीटीइ मिल गया है. अगले एक महीने बाद रोहिणी को भी सीटीओ मिल जायेगा. सीटीइ मिलते ही रोहिणी परियोजना प्रबंधन खनन कार्य की तैयारी में जुट गयी है. परियोजना पदाधिकारी जेके सिंह ने बताया कि परियोजना का माहौल अब बदलने लगा है. ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों का सहयोग भी मिल रहा है. हमलोग बहुत जल्द कोयला उत्पादन के दिशा में काम शुरू कर देंगे. ज्ञात हो कि रोहिणी को चालू वित्तीय वर्ष में छह लाख टन कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य मिला है.

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