22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

डैमों में गाद ज्यादा होने से घटती जा रही जल भंडारण की क्षमता

गेतलसूद डैम के लेवल 1900 फीट तक का पानी पेयजल के लिए उपयोग में आता था. मई 2015 के बाद 1910 फीट तक का पानी पेयजल के लिए उपयोग होता था

राज्य के अन्य डैमों के साथ राजधानी के गेतलसूद और गोंदा डैम में भी गाद भर जा रहा है. पिछले आठ वर्षों में गेतलसूद डैम में जल भंडारण की क्षमता 14 फीट तक घट गयी है. वहीं गोंदा डैम की पांच फीट तक कम हो गयी है. इसका कारण विभिन्न नालों से आनेवाले गंदा पानी और कचरा है. रांची शहरी जलापूर्ति योजना का आधार गेतलसूद ( रुक्का), गोंदा (कांके) व हटिया डैम हैं. गेतलसूद डैम से राजधानी रांची की 80% आबादी को पेयजलापूर्ति की जाती है. शेष आबादी को गोंदा व हटिया डैम से जलापूर्ति होती है.

गेतलसूद और गोंदा में घट रही क्षमता

वर्ष 2015 से पहले गेतलसूद डैम के लेवल 1900 फीट तक का पानी पेयजल के लिए उपयोग में आता था. मई 2015 के बाद 1910 फीट तक का पानी पेयजल के लिए उपयोग होता था. अप्रैल 2019 के बाद 1914 फीट का पानी पेयजल तक के लिए उपयोग किया जा रहा है. इसके नीचे का कच्चा जल काफी दूषित है. इसे पेयजल के लिए सफाई करना संभव नहीं है.

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा तत्काल में 1914 फीट मानक के अनुरूप रांची शहरवासियों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ पूर्व में गोंदा डैम से जलापूर्ति के लिए जलाशय के जलस्तर 2107 फीट तक पानी लिया जाता था. वर्तमान में गाद भर जाने की वजह से 2112 फीट तक ही पानी जलापूर्ति के रूप में लिया जा सकता है.

जलकुंभी के सड़ जाने और गंदा पानी गिरने से भर रहा गाद

गेतलसूद डैम के लिए स्वर्णरेखा नदी जीवनदायिनी है. लेकिन यह भी प्रभावित हुए बिना नहीं रही है. शहर के विभिन्न मोहल्लों जैसे विद्यापति नगर, हिंदपीढ़ी, कुसई ब्रिज, मुक्तिधाम नामकुम के नालों, हरमू नदी व जुमार नदी का गंदा पानी स्वर्णरेखा नदी होते हुए गेतलसूद डैम तक पहुंच रहा है. इस कारण गेतलसूद जलाशय के पानी की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. पानी के बीओडी व सीओडी में काफी वृद्धि हो रही है. बीओडी व सीओडी अपशिष्ट जल में कार्बनिक पदार्थों के संकेतक हैं. इस कारण जलाशय में अत्यधिक मात्रा में एल्गी व जलकुंभी का निर्माण हो रहा है. गर्मी के मौसम में जलकुंभी के सड़ जाने और शहर के विभिन्न नालों से आने वाले गंदा पानी व कचरे के कारण जलाशय में गाद भर रहा है. इसके फिल्टर करने के बाद उपलब्ध कराये पेयजल में हल्का हरापन रंग रहता है.

गाद हटा कर दो साल तक रांची को आपूर्ति लायक पानी को किया जा सकता है स्टोर

राजधानी रांची के 80 प्रतिशत शहरी इलाके में गेतलसूद डैम से पेयजल की आपूर्ति की जाती है. इससे 10 लाख लोगों की प्यास बुझती है. गर्मी के दिनों में डैम का जल स्तर घटने के बाद परेशानी बढ़ जाती है. अगर इसी तरह डैम में गाद भरता गया, तो हर वर्ष पेयजलापूर्ति को लेकर संकट उत्पन्न होगा. गेतलसूद डैम में फिलहाल 14 फीट गाद भर गया है. इससे जल भंडारण की क्षमता घट गयी है. गेतलसूद डैम से गाद निकाल देने से हम शहर में 840 दिनों तक पेयजलापूर्ति लायक पानी बचा सकते हैं. बरसात के दिनों में गाद होने की वजह से जल्द ही डैम का जल स्तर खतरे के निशान तक पहुंच जाता है. ऐसे में डैम का फाटक खोल कर पानी को बहा दिया जाता है. पिछले साल भी कई बार गेतलसूद व गोंदा डैम का फाटक खोल कर डैम से पानी को बहा दिया गया. अगर हम गाद हटा कर जल भंडारण की क्षमता को बढ़ाते हैं, तो राजधानी रांची में दो साल तक पानी की कोई किल्लत नहीं होगी. विभागीय अभियंताओं के अनुसार गेतलसूद डैम भरा रहने पर एक इंच पानी से शहर में पांच दिनों तक पेयजल की आपूर्ति की जा सकती है. जल स्तर कम होने पर एक इंच पानी से दो दिनों आपूर्ति की जा सकती है.

गोंदा डैम में पहुंच रहा शहर के घरों से सिवरेज का पानी

गोंदा डैम से शहर के कांके मार्ग, मोरहाबादी, अपर बाजार, राजभवन, मुख्य न्यायाधीश आवास, रिनपास, सीएपीडीआइ आदि को जलापूर्ति की जाती है. गोंदा डैम में मुख्यत: पंडरा नदी व करमा नदी से पानी आता है. गोंदा डैम के जल जमावट क्षेत्र में घने बसावट की वजह से डैम का जल ग्रहण क्षेत्र पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है. पंडरा नदी व करमा नदी अब एक बड़े नाले में तब्दील हो गयी है. जलाशय के इर्द गिर्द बसे मोहल्लों के सिवरेज का पानी जलाशय के पानी को प्रदूषित कर रहा है.

कांके डैम में 66 व बड़ा तालाब में 24 भवनों का हुआ है निर्माण

कांके डैम के केचमेंट एरिया में जहां 66 मकानों का निर्माण कर लिया गया है. वहीं बड़ा तालाब में 24 भवनों का निर्माण कर लिया गया है. अवैध रूप से बने इन मकानों को तोड़ने के लिए वर्ष 2020 में ही नगर निगम ने अवैध निर्माण का केस दर्ज किया. वर्ष 2021 में इन भवनों को तोड़ने का आदेश दिया गया. इसके बाद निगम के आदेश के विरोध में भवन मालिक ऊपरी अदालत में अपील के लिए चले गये. लेकिन यहां से उन्हें राहत नहीं मिली.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें