Daughter’s Day 2023: झारखंड की बेमिसाल बेटियां…राजनीति से लेकर प्रशासन तक में है इनका अलग रुतबा

आज के दौर में बेटियां हर क्षेत्र में मिसाल कायम कर रही हैं. राजनीति से लेकर प्रशासन तक में इनका रुतबा है. बेटी दिवस पर हम राज्य की ऐसी ही होनहार बेटियों से आपको रूबरू करा रहे हैं. ये अपनी कार्य कुशलता से राज्य, परिवार और समाज का नाम रोशन कर रहीं हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 24, 2023 9:57 AM

Daughter’s Day 2023: हर साल सितंबर महीने के चौथे रविवार को डॉटर्स डे (Daughter’s Day) मनाया जाता है. इस साल यह दिन 24 सितंबर को मनाया जा रहा है. आज के दौर में बेटियां हर क्षेत्र में मिसाल कायम कर रही हैं. राजनीति से लेकर प्रशासन तक में इनका रुतबा है. बेटी दिवस पर हम झारखंड की ऐसी ही होनहार बेटियों से आपको रूबरू करा रहे हैं. ये अपनी कार्य कुशलता से राज्य, परिवार और समाज का नाम रोशन कर रहीं हैं.

कम उम्र में राजनीति में पहचान बनायी

विधायक अंबा प्रसाद ने कम उम्र में ही राजनीतिक क्षेत्र में कदम रख कर अपनी बड़ी पहचान बनायी है. अंबा प्रसाद कांग्रेस पार्टी की विधायक हैं. 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में बड़कागांव से झारखंड विधानसभा के सदस्य के रूप में चुनी गयी हैं. अंबा कहती हैं कि हम बेटियां किसी से कम नहीं हैं, इसलिए लोगों को चाहिए कि वह बेटियों का सम्मान करें.

असिस्टेंट कलक्टर हैं श्रुति राजलक्ष्मी

श्रुति राजलक्ष्मी 2022 बैच की झारखंड कैडर की आइएएस हैं. यूपीएससी में 25 वां रैंक हासिल किया था. फिलहाल चाईबासा में असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं. मूल रूप से बिहार की रहनेवाली हैं. रांची में कांके रोड में निवास है. श्रुति कहती हैं कि बेटियों का हर दिन सम्मान होना चाहिए. बेटियों को पढ़ायें और उनको आगे बढ़ने में अपना भरपूर साथ दें.

महिला क्रिकेट में नाम रोशन कर रहीं शुभलक्ष्मी

शुभलक्ष्मी महिला इंडियन क्रिकेट टीम में रही हैं. तीन वर्ल्ड कप भी खेल चुकी हैं. एशिया कप 2012 में चैंपियन बनी टीम में भी शामिल रहीं. फिलहाल झारखंड स्टेट के लिए खेल रही हैं. झारखंड टीम की कैप्टन रह चुकी हैं. शुभलक्ष्मी ने झारखंड टीम से पहली बार 2004 में खेला. वह कहती हैं कि उस जमाने में हजारीबाग जैसी छोटी जगह से महिला क्रिकेटर का होना बहुत बड़ी बात होती थी. मुझे मेरे परिवार का सहयोग मिला.

अभिनय में नाम कमा रहीं उर्वशी

रांची में पली-बढ़ी उर्वशी अभिनय के क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं. ये एक नृत्यांगना हैं, लेकिन इन्हें अभिनय का भी पूरा ज्ञान है. इन्होंने हिंदी के अलावा बांग्ला और भोजपुरी फिल्मों में अभिनय किया है. नागपुरी के अलावा मैथिली में भी एलबम बनाये हैं. 2017 में बॉलीवुड फिल्म शहीद चंद्रशेखर आजाद में दिखीं. उसके बाद बांग्ला फिल्म मोय किया. इनका मैथिली में बना एलबम फूल गुलाब दर्शकों को बहुत भाया. ये कहती हैं कि अगर बेटियों को मौका मिले, तो वह सब कुछ कर सकती हैं. बस मौका देने की जरूरत है.

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सॉफ्ट स्किल से रोजगार की राह बना रहीं राज्य की बेटियां

राजधानी में टेक्सटाइल इंडस्ट्री बड़ा रूप ले चुकी है. बड़े ब्रांड के रेडीमेड कपड़े शहर में बन रहे हैं. इससे स्थानीय लोगों की दशा-दिशा बदल रही है. इस इंडस्ट्री में काम कर रहीं बेटियां अब आत्मनिर्भर बन रही हैं.

कपड़ा मिल में उत्पादन का जिम्मा संभाल रही प्रीति

लाइयो गोसी, रामगढ़ निवासी प्रीति ने सॉफ्ट स्किल के तहत कपड़ा तैयार करना सीखा. इसकी बदौलत कूल्ही स्थित कपड़ा मिल में काम मिल गया. जहां बच्चों के कपड़े तैयार करने का काम करती हैं. बेहतर प्रदर्शन करते हुए कपड़ा मिल में उत्पादन की जिम्मेदारी संभाल रही है.

कपड़ा मिल में हिसाब-किताब संभालती है मुस्कान

कुम्हार परिवार में जन्मी मुस्कान कुमारी इरबा स्थित कपड़ा मिल में हिसाब-किताब संभालती है. मुस्कान ने परिवार की माली हालत देखकर आत्मनिर्भर बनने की ठानी. कपड़ा मिल में काम करते हुए अब बड़ी बहन के साथ दो छोटे भाइयों की जिम्मेदारी उठा रहीं हैं.

क्वालिटी चेक में माहिर है ओरमांझी की अंजलि

ओरमांझी की अंजलि ने विपरीत परिस्थितियों में खुद को संभालते हुए एमए की पढ़ाई पूरी की. सॉफ्ट स्किल में माहिर होकर अंजलि ने कपड़ा मिल में काम करना शुरू किया. बेहतर काम को देखकर संस्था ने अंजलि को क्वालिटी चेक का इंचार्ज बना दिया.

झारखंड की पहली बाॅडी बिल्डर हैं माधवी विलोचन

बेकारबांध की माधवी विलोचन झारखंड की पहली बॉडी बिल्डर हैं. एक समय ओवरवेट होने के कारण लोग उनका मजा उड़ाते थे. वजन कम करने के लिए जिम ज्वाइन किया. बॉडी बिल्डिंग में मिस्टर इंडिया रह चुके सोमनाथ चटर्जी को गुरु बनाया. देवी चटर्जी से बॉडी बिल्डिंग के साथ वेट लिफ्टिंग की ट्रेनिंग ली. आगे चल बॉडी बिल्डिंग में मिस इंडिया का खिताब जीता है. माधवी कहती हैं कि बॉडी बिल्डर के काॅस्टयूम अलग होते हैं. इस प्रोफेशन को लेकर आज भी लोगों की मानसिकता संकीर्ण है. विचार में बदलाव की जरूरत है.

धनबाद कोयलांचल की पहली पायलट हैं सृष्टि सिंह

सृष्टि सिंह बचपन से ही आसमान में उड़ान भरने का सपना देखती थीं. पिता कर्नल जेके सिंह को चॉपर से आसमान में उड़ते देख वह रोमांचित हो उठती थीं. नाना इंडियन एयरलाइंस में पायलट थे. पारिवारिक माहौल ने उनके सपनों को साकार करने की दिशा में अग्रसर किया. सृष्टि प्लस टू करने के बाद 2011 में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी रायबरेली से दो साल की ट्रेनिंग लीं. 2014 में एयर इंडिया के कैंपस इंटरव्यू में पायलट के तौर पर सेलेक्ट हुईं. 2015 में बेंगलुरु से दुबई के लिए पहली उड़ान भरी थी. वर्तमान में वह इयर इंडिया में पायलट हैं.

भाड़े के धनुष से गोल्ड जीतनेवाली राष्ट्रीय तीरंदाज सिमरन कुमारी

दोबारी कोलियरी की भुइयां बस्ती में चाय दुकान चलानेवाले गुड्डू भुइयां की बेटी सिमरन कुमारी ने मिनी राष्ट्रीय तीरंदाजी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था. सिमरन का सपना ओलंपिक में खेलना है. पुत्री का तीरंदाजी के प्रति मेहनत व रुचि देख उसके पिता डिगवाडीह स्थित टाटा स्टील फाउंडेशन के आर्चरी फीडर में तीन वर्ष पहले तीरंदाजी प्रशिक्षण कराने के लिए ले गये थे. राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता के लिए सिमरन के पास अपना धनुष नहीं था. वह तीन हजार रुपये भाड़े पर धनुष लेकर विजयवाड़ा हैदराबाद प्रतियोगिता में भाग लेने गयी थी.

वन लेग डांसर रेखा मिश्रा जिसने नहीं मानी हार

बलियापुर के मिश्रा टोला की रेखा मिश्रा उनके लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो थोड़ी-सी परेशानी में आकर अपना इरादा बदल लेते हैं. एक हादसे में एक पैर खोने के बाद भी रेखा डांस में जलवा बिखेर रही हैं. उन्होंने नृत्य के प्रति खुद को समर्पित किया. मोबाइल व टीवी देख डांस सीखना शुरू किया. घरवालों ने भी रेखा का सहयोग किया. आज यूट्यूब पर इनके दो मिलियन सब्सक्राइबर हैं. रेखा डांस इंडिया डांस में जाना चाहती हैं. इसके लिए रोबोटिक लेग की जरूरत है. रेखा कहती हैं कि अगर उन्हें रोबोटिक लेग में सहयोग मिल जाये, तो सपना पूरा हो जायेगा. रेखा ने 2022 में एसएसएलएनटी कॉलेज से मैथ्स से ऑनर्स किया. वह स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की तैयारी भी कर रही है.

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