डीकिन विश्वविद्यालय ने प्रो मुक्तिकांत मिश्रा को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से किया सम्मानित
पीएचडी की मानद उपाधि प्रो मिश्रा की शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता का पुख्ता प्रमाण है. अपने दूरदर्शी नेतृत्व की बदौलत ही उन्होंने सेंचुरियन विश्वविद्यालय और ग्राम तरंग सामाजिक उद्यम समूह की नींव रखी.
भारत में शिक्षा, कौशल विकास, सामाजिक और उद्यमिता के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ने सेंचुरियन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, ओडिशा के प्रेसिडेंट प्रोफेसर मुक्तिकांत मिश्रा को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है. विगत 15 सालों में सेंचुरियन विश्वविद्यालय और ऑस्ट्रेलियाई संस्थानों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने में उनकी अहम भूमिका रही है.
सेंचुरियन विश्वविद्यालय और ग्राम तरंग सामाजिक उद्यम समूह की नींव रखी
पीएचडी की मानद उपाधि प्रो मिश्रा की शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता का पुख्ता प्रमाण है. अपने दूरदर्शी नेतृत्व की बदौलत ही उन्होंने सेंचुरियन विश्वविद्यालय और ग्राम तरंग सामाजिक उद्यम समूह की नींव रखी.
शैक्षिक अवसरों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में उल्लेखनीय वृद्धि
प्रो मिश्रा ने भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई संस्थानों के बीच साझेदारी को मजबूत किया है, जिससे दोनों देशों के बीच शैक्षिक अवसरों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई. कौशल विकास में उनकी अनूठी पहल, विशेष रूप से सेंचुरियन नेटवर्क के जरिए विश्वविद्यालयों, स्कूलों और कॉलेजों ने नीति आयोग और विश्व बैंक जैसे प्रतिष्ठित संस्थाओं से मान्यता हासिल की. दीक्षांत समारोह के दौरान डीकिन विवि के प्रोफेसर इयान मार्टिन ने प्रो मुक्ति मिश्रा की प्रतिबद्धता की सराहना की.
Also Read: किसान आंदोलन का समर्थन करने राउरकेला के मुक्तिकांत साइकिल से दिल्ली यात्रा पर निकले