court news : मृतका के माता-पिता की फांसी की सजा उम्रकैद में बदली
कोडरमा में ऑनर किलिंग से जुड़े मामले में फांसी की सजा के विरुद्ध दायर अपील याचिका पर हाइकोर्ट ने सुनाया फैसला
रांची़ झारखंड हाइकोर्ट ने कोडरमा में वर्ष 2018 में ऑनर किलिंग से जुड़े मामले में फांसी की सजा पाये सजायाफ्ताओं व राज्य सरकार की ओर से दायर क्रिमिनल अपील याचिका पर फैसला सुनाया है. जस्टिस आनंद सेन व जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की खंडपीठ ने कहा है कि यह मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में नहीं आता है. खंडपीठ ने सजायाफ्ताओं की फांसी की सजा को निरस्त करते हुए मृतका के माता-पिता दुलारी देवी व किसुन साव की फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया. मृतका के चाचा व चाची को हत्या मामले से बरी करते हुए साक्ष्य छुपाने के आरोप में पांच-पांच साल की सजा सुनायी. पूर्व में 24 जुलाई को अपील याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी किसुन साव व अन्य की ओर से क्रिमिनल अपील याचिका दायर कर कोडरमा की निचली अदालत द्वारा दी गयी फांसी की सजा को चुनौती दी गयी थी. वहीं सजायाफ्ताओं की फांसी की सजा को कंफर्म करने को लेकर राज्य सरकार ने अपील याचिका दायर की थी. क्या है मामला : किसुन साव व दुलारी देवी की पुत्री अपने ही गांव में रहनेवाले दूसरी जाति के युवक प्रदीप शर्मा के साथ मार्च 2018 में राजस्थान भाग गयी थी. वहां दोनों ने विवाह कर लिया. बाद में वे गांव लौट आये. यह मामला पंचायत तक पहुंचा था, जहां सुलह करने का प्रयास होनेवाला था. इसी बीच लड़की ने आत्महत्या कर ली थी. पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग अपनी बेटी की लाश को आनन-फानन में जला रहे हैं. जब पुलिस वहां पहुंची, तो वहां उपस्थित लोग भाग गये. कोडरमा के चंदवारा थाना में पुलिस ने कांड संख्या-22/2018 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. इस मामले में 25 मार्च 2021 को कोडरमा की निचली अदालत ने मृतका के माता-पिता दुलारी देवी व किसुन साव, मृतका के चाचा-चाची सीताराम साव व पार्वती देवी को दोषी पाने के बाद फांसी की सजा सुनायी थी. उक्त सजा को किसुन साव व अन्य की ओर से अपील याचिका दायर कर चुनौती दी गयी थी.
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