court news : सुप्रीम कोर्ट में सहायक आचार्य प्रतियोगिता परीक्षा में जेटेट-सीटेट मामले में बहस जारी
मामला 26001 पदों पर प्रारंभिक सहायक आचार्यों की नियुक्ति का
वरीय संवाददाता, रांची. सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड प्रारंभिक सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में सीटेट व पड़ोसी राज्य से टेट पास अभ्यर्थियों को शामिल करने के मामले में दायर एसएलपी पर सुनवाई की. जस्टिस जेके महेश्वरी व जस्टिस राजेश बिंदल की खंडपीठ में सुनवाई के दाैरान प्रार्थियों की ओर से पक्ष रखा गया. मामले में बहस जारी रही. अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी. इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण, वरीय अधिवक्ता वी मोहना व झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ता अमुतांश वत्स ने पैरवी की. उनकी ओर से बताया गया कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) ने परीक्षा ली, लेकिन रिजल्ट प्रकाशित नहीं किया है. सीटेट उत्तीर्ण व पड़ोसी राज्यों से टेट पास करनेवाले झारखंड के स्थानीय निवासी अभ्यर्थियों को सहायक आचार्य प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल करने का हाइकोर्ट ने एक जनहित याचिका में आदेश पारित कर दिया था. इस तरह का नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार झारखंड हाइकोर्ट के पास नहीं है. यह गलत है. झारखंड की क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा संताली, खोरठा, नागपुरी, हो, कुड़माली आदि का ज्ञान जेटेट अभ्यर्थियों के पास है, क्योंकि उन्होंने इसकी परीक्षा दी है, लेकिन सीटेट अभ्यर्थियों के पास क्षेत्रीय भाषा के रूप में हिंदी या अंग्रेजी विषय का ही ज्ञान है. जब सीटेट पास अभ्यर्थियों की नियुक्ति राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में होगी, तो उन्हें स्थानीय भाषा में बच्चों को शिक्षा देने में परेशानी होगी. यह शिक्षा के अधिकार अधिनियम का भी उल्लंघन होगा. उल्लेखनीय है कि जेटेट पास अभ्यर्थी परिमल कुमार व अन्य 1600 प्रार्थियों की ओर से एसएलपी दायर की गयी है. उन्होंने झारखंड हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए इसे निरस्त करने की मांग की है. पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि परीक्षा पर रोक नहीं रहेगी, लेकिन हमारी अनुमति के बिना परीक्षा का रिजल्ट जारी नहीं किया जायेगा.
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