पिछली सेवाओं की गणना कर छह सप्ताह के अंदर कर्मियों को पेंशन देने का निर्णय लें : हाइकोर्ट
हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया आदेश
रांची़ झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने लघु सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पिछली सेवाओं को जोड़ते हुए पेंशन देने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. इस दाैरान प्रार्थी व प्रतिवादी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने प्रार्थियों के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि एक बार नियमित होने के बाद पेंशन के उद्देश्य के लिए पिछली सेवाओं को अनिवार्य रूप से गिना जाना चाहिए. अदालत ने लघु सिंचाई विभाग (राज्य सरकार) को निर्देश दिया कि छह सप्ताह के अंदर कर्मचारियों को पिछली सेवाओं की गणना के आधार पर पेंशन देने का निर्णय ले. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी एस दास व अन्य की ओर से याचिका दायर की गयी थी. कहा गया था कि वे लोग वर्ष 1980 से दैनिक वेतनभोगी के रूप में काम कर रहे थे. उन्हें वर्ष 2011 के बाद अलग-अलग तिथियों में स्थायी स्थापना में नियमित किया गया था. नियमित स्थापना में पेंशन नियमों तथा पुरानी पेंशन योजना के अनुसार पेंशन पाने के पात्र बनने के लिए जरूरी 10 साल की सेवा पूरी किये बिना सेवानिवृत्त हो गये. वर्ष 2004 में नयी पेंशन योजना शुरू की गयी, जो अंशदायी पेंशन योजना है. वर्ष 2011 में नियमितीकरण के बाद कर्मियों को उनकी पिछली सेवाओं की गणना से वंचित कर दिया गया. सेवानिवृत्त होने के बाद अंशदान में से अल्प पेंशन की अनुमति दी गयी. कर्मियों ने पूर्व की सेवा की गणना करते हुए पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की मांग की, लेकिन उनकी मांग नहीं मानी गयी. इसके बाद कर्मियों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की.
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