रांची विवि के अंगीभूत कॉलेजों में इंटर में नामांकन मामले में फैसला सुरक्षित
इंटर में नामांकन मामले में मेंटेनेबिलिटी पर सुनवाई पूरी
वरीय संवाददाता, रांची़ झारखंड हाइकोर्ट ने रांची विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेजो में इंटरमीडिएट में नामांकन को लेकर दायर पीआइएल पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान प्रार्थी और रांची विवि का पक्ष सुना. याचिका की मेंटेनेबिलिटी (याचिका सुनवाई योग्य नहीं) पर दोनों पक्षों को सुना. मेंटेनेबिलिटी के मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. इससे पहले रांची विवि की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि प्रार्थी स्वयं विद्यार्थी नहीं है. उसकी ओर से दायर जनहित याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, उसे खारिज किया जाना चाहिए. वहीं प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने पैरवी की. उन्होंने बताया कि प्रार्थी सामाजिक कार्यकर्ता हैं. यह मामला रांची विवि में इंटरमीडिएट संकाय में नामांकन से जुड़ा है. बड़ी संख्या में विद्यार्थी नामांकन से वंचित हो रहे हैं. इसे देखते हुए प्रार्थी ने जनहित याचिका दायर की है. यह जनहित से जुड़ा मामला है. ज्ञात हो कि प्रार्थी मनीष पटवारी ने जनहित याचिका दायर की है. रांची विवि ने वर्ष 2024-26 सत्र के लिए अपने 12 अंगीभूत कॉलेजों में इंटर में नामांकन नहीं लेने का निर्णय लिया था, जिसे प्रार्थी ने चुनौती दी है. पूर्व में हाइकोर्ट ने रांची विवि को 12 अंगीभूत कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए विद्यार्थियों का नामांकन लेने का निर्देश देते हुए पोर्टल खोलने के लिए कहा था. आदेश का पालन नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की गयी थी. सुप्रीम कोर्ट ने प्रार्थी को हाइकोर्ट जाने के लिए कहा था.
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