रांची विवि सिंडिकेट ने सातों शिक्षकों की प्रोन्नति रद्द करने की जेपीएससी के निर्णय पर मुहर लगायी
झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा रांची विश्वविद्यालय के सात शिक्षकों की प्रोन्नति रद्द करने से संबंधित पत्र पर शुक्रवार को सिंडिकेट ने अपनी मुहर लगा दी है.
रांची (विशेष संवाददाता). झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा रांची विश्वविद्यालय के सात शिक्षकों की प्रोन्नति रद्द करने से संबंधित पत्र पर शुक्रवार को सिंडिकेट ने अपनी मुहर लगा दी है. जिन शिक्षकों की प्रोन्नति रद्द की गयी है, उनमें डॉ मिथिलेश कुमार सिंह, डॉ आशीष कुमार झा, डॉ अनिल कुमार डेल्टा, डॉ एन वेंकट अप्पा राव, डॉ बुशरा रजा, डॉ अगाथा सिल्विया खलखो व डॉ कहकशां परवीन शामिल हैं. कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में आयोजित सिंडिकेट की इस आपात बैठक में प्रभावित शिक्षकों की प्रोन्नति रद्द करने तथा वर्तमान में पदस्थापित पदों पर कार्यरत रहने या नहीं रहने के मुद्दे पर सदस्यों ने काफी मंथन किया. बैठक में कहा गया कि डॉ आशीष कुमार झा जो वर्तमान में परीक्षा नियंत्रक भी हैं. भले ही एसोसिएट प्रोफेसर के पद से पदावनत किया गया है, लेकिन उक्त पद पर व्याख्याता (वरीय वेतनमान) तथा 15 वर्ष के सर्विस के आधार पर नियमानुसार पद पर बने रह सकते हैं. इसी प्रकार डॉ मिथिलेश कुमार सिंह के मामले में कहा गया कि संबंधित विवि द्वारा ही उनके प्रॉक्टर के पद पर बने रहने का अंतिम निर्णय ले सकता है. अन्य शिक्षकों की प्रोन्नति रद्द करने के बाद विवि प्रशासन उनके संबंध में निर्णय ले सकता है. बैठक में सभी सातों शिक्षकों को जेपीएससी द्वारा सुझाये गये विकल्प पर भी विचार करने के लिए कहा गया. निर्णय लिया गया कि शिक्षक चाहें, तो वे 27.7.1998 के प्रभाव से लागू करयिर एडवांसमेंट स्कीम तथा बोर्ड गाइडलाइन के आलोक में व्याख्याता (वरीय वेतनमान) से उपाचार्य के पद पर प्रोन्नति के लिए विवि को आवेदन दे सकते हैं, विवि शीघ्र उसे अग्रसारित करा कर आयोग के पास भेज देगा. सदस्यों ने जेपीएससी द्वारा इतने दिनों बाद प्रोन्नति रद्द करने के निर्णय को दुखद बताया. जबकि राज्य के विवि में शिक्षकों को लंबे अरसे से प्रोन्नति नहीं मिल रही है. सिंडिकेट ने यह भी निर्णय लिया कि विवि द्वारा आयोग को कभी भी दिग्भ्रमित करने की मंशा नहीं रही है. आयोग को इस बाबत पत्र भी भेजा जायेगा. बैठक में कुलपति के अलावा रजिस्ट्रार विनोद नारायण, डीएसडब्ल्यू डॉ सुदेश कुमार साहू, प्रॉक्टर डॉ मुकुंद चंद्र मेहता, डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ प्रीतम कुमार, डॉ दिनेश उरांव, डॉ सुनीता यादव, डॉ बीपी वर्मा, डॉ मनोज कुमार, डॉ नाथु गाड़ी आदि उपस्थित थे.
सिंडिकेट ने सुनीता का स्वागत व नाथु को विदाई दी
बैठक में पीजी हिंदी विभाग की अध्यक्ष डॉ सुनीता यादव की पहली सिंडिकेट में शामिल होने पर कुलपति सहित अन्य सदस्यों ने स्वागत किया. जबकि मांडर कॉलेज के डॉ नाथु गाड़ी के शुक्रवार को ही सेवानिवृत्त होने पर उन्हें विदाई दी गयी.
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