Jharkhand: रांची के इस कॉलेज को डीम्ड विवि बनाने की हो रही तैयारी, जानें क्यों हो रही है इसकी मांग
रांची वीमेंस कॉलेज को डीम्ड विवि बनाने की तैयारी की जा रही है. कल उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव राहुल पुरवार साथ कॉलज प्रबंधन की बैठक हुई. जिसमें इस बात को लेकर चर्चा हुई
रांची: रांची वीमेंस कॉलेज को डीम्ड विवि बनाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव राहुल पुरवार, रांची विवि के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा, प्राचार्य डॉ शमशुन नेहार, विभाग की उपनिदेशक विभा पांडेय सहित उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग तथा भवन निर्माण विभाग के अधिकारियों व आर्किटेक्ट ने सोमवार को कॉलेज परिसर का भ्रमण किया.
इसके बाद बैठक भी की. बैठक में कॉलेज में छात्राओं की अधिक संख्या के आधार पर इस ऑटोनोमस कॉलेज को विवि का दर्जा दिलाने पर चर्चा की गयी. कैंपस के कई भवनों को तोड़ कर नये सिरे से निर्माण करने, कैंपस को सुसज्जित करने और पाइप लाइन आदि को शिफ्ट करने पर चर्चा की गयी. वहीं शिक्षकों व कर्मचारियों की कमी दूरी करने पर विमर्श किया गया.
ऑटोनोमस टीम ने भी विवि का दर्जा देने पर जोर दिया था
रांची वीमेंस कॉलेज का पिछली बार यूजीसी द्वारा ऑटोनोमस टीम व नैक टीम द्वारा अपने दौरे के क्रम में इसे विवि का दर्जा दिलाने की बात कही थी. इसके लिए राज्य सरकार के स्तर से प्रस्ताव यूजीसी को भेजने के लिए कहा गया था. टीम का मानना था कि इस कॉलेज का कैंपस, कोर्स व छात्राओं की संख्या को देखते हुए इसे विवि का दर्जा मिलना चाहिए.
रांची वीमेंस कॉलेज के बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग में वर्कशॉप का आयोजन
रांची वीमेंस कॉलेज के बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग एवं एसएचआरएम कोलकाता के सहयोग से सोमवार से तीन दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई. इसमें बीएससी, एमएससी, बॉयोटेक, बॉटनी और जूलॉजी की छात्राएं शामिल हो रही हैं. एसएचआरएम बॉयोटेक्नोलॉजी कोलकाता के निदेशक कुणाल वोरा ने बताया कि माॅल्यूकुलर बॉयोटेक्नोलॉजी कोविड को लेकर चर्चित है. इसी को आधार बना कर काम किया जा रहा है.
इसकी जानकारी से छात्राओं का ज्ञानवर्द्धन होगा. डॉ रूपक राय ने बताया कि स्किल बेहतर होने से देश में साइंटिस्ट बढ़ेंगे. मौके पर बॉयोटेक्नोलॉजी कोर्स की को-ऑर्डिनेटर डॉ शोभना शरण, डॉ सोमा राय, डॉ सुप्रिया श्रीवास्तव, डॉ अरुणा सिंह आदि थे.