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एक्सआइएसएस के दीक्षांत समारोह में 247 विद्यार्थियों को डिग्री

एक्सआइएसएस रांची का 63वां दीक्षांत समारोह शनिवार को आयोजित हुआ. समारोह में सत्र 2022-24 के 247 विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गयीं.

By Prabhat Khabar News Desk | May 5, 2024 12:45 AM

11 को गोल्ड, सात को सिल्वर और चार को ब्रॉन्ज मेडल

रांची़ एक्सआइएसएस रांची का 63वां दीक्षांत समारोह शनिवार को आयोजित हुआ. समारोह में सत्र 2022-24 के 247 विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गयीं. इसमें ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट के 75, रूरल मैनेजमेंट के 55, फाइनांशियल मैनेजमेंट के 58 और मार्केटिंग मैनेजमेंट के 59 विद्यार्थी शामिल हैं. मुख्य अतिथि महिंद्रा स्टील, महिंद्रा इंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड और महिंद्रा फर्स्ट च्वाइस व्हील्स लिमिटेड के चेयरमैन राजीव दुबे थे. उन्होंने चार संकायों में शीर्ष स्थान हासिल करनेवाले 22 विद्यार्थियों को सम्मानित किया. इसमें 11 विद्यार्थियों को गोल्ड, सात को सिल्वर और चार को ब्रॉन्ज मेडल मिला. इसके अलावा छह विद्यार्थियों को 1.72 लाख रुपये का कैश प्राइज और 24 विद्यार्थियों को 7.2 लाख रुपये की संस्थागत छात्रवृत्ति सौंपी गयी. दीक्षांत समारोह में सत्र 1990-92 एचआरएम संकाय के पूर्ववर्ती छात्र सह मारुति सुजुकी प्रालि के कार्यकारी पदाधिकारी सलिल लाल को फादर माइकल वैन डेन बोगार्ड एसजे मेमोरियल एलुमनी अवार्ड से सम्मानित किया गया.

राजीव दुबे ने विद्यार्थियों से कहा कि प्रबंधन का क्षेत्र सफल जीवन के लिए प्रेरित करता है. कोई भी औद्योगिक क्षेत्र सफल होने की अपार संभावनाएं देता है. इसमें प्रबंधक की भूमिका काम को आसान बनाने की होनी चाहिए. काम को कभी बोझिल न समझें. इसे सरल करने के लिए दूसरों के बीच जिम्मेदारी का बंटवारा करें. नेतृत्वकर्ता की यही निशानी है. इससे दूसरों को भी सफल होने का अवसर मिलेगा. राजीव दुबे ने वर्तमान समय में काम को आसान बनाने के पांच न्यू नॉर्मल तरीके बताये. उन्होंने कहा कि काम के दौरान जरा हटकर सोचने की जरूरत है. अपनी क्षमता को बढ़ाते हुए हर काम को पूरा करने की महत्वाकांक्षा रखें. जीवन में रिस्क लेना सीखें. इस दौरान काम को नये तरीके से करने की सीख मिलेगी. काम के दौरान जितना असफल होंगे, उतनी ही सफलता की ओर बढ़ेंगे. संभावनाओं का जानकार बनना होगा. इससे उचित मार्ग चुनने में आसानी होगी. और खुद पर भरोसा रखें. सच बाेलने की क्षमता रखें. जीवन में किसी भी बड़े मुकाम में पहुंच जायें, लेकिन सेवा की भावना रखें. इससे आत्मसंतुष्टि मिलेगी.

प्लेसमेंट के दौरान 128 कंपनियां पहुंची, 187 विद्यार्थियों को मिला जॉब ऑफर

संस्था के निदेशक डॉ जोसेफ मरियानूस कुजूर ने सत्र 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट साझा की. कहा कि संस्था विद्यार्थियों को दूसरों से अलग बनने के साथ-साथ उत्कृष्टता बनाने की दिशा में काम करती है. संचालित विभिन्न पीजीडीएम कोर्स में ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट की मांग सबसे ज्यादा है. इसे देखते हुए संकाय की 75 सीटों को अब 120 कर दिया गया है. एफपीएम जैसे कोर्स प्रबंधन क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के लिए शुरू किये गये हैं. डॉ जोसेफ ने सत्र 2023-24 के प्लेसमेंट रिकॉर्ड को साझा किया. बताया कि दो चरण में प्लेसमेंट प्रक्रिया पूरी की हुई, जिसमें 128 कंपनियां पहुंचीं. इनमें 44 नयी कंपनियों ने विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर दिये. विभिन्न पीजीडीएम प्रोग्राम में अध्ययनरत 80 फीसदी विद्यार्थियों ने प्लेसमेंट हासिल कर लिया है, जबकि शेष विद्यार्थियों के लिए प्लेसमेंट प्रक्रिया जारी है. प्लेसमेंट हासिल कर चुके विद्यार्थियों में से एक छात्र को 21 लाख रुपये का औसत अधिकतम वार्षिक पैकेज मिला है. संस्था के पूर्ववर्ती छात्र व एलुमनी एसोसिएशन भी विद्यार्थियों को प्लेसमेंट संभावनाओं से जोड़ रहे हैं. एक्सआइएसएस गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन फादर अजीत खेस ने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार होने की सीख देता है. गर्व के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ें. संस्थान से पास होकर निकलना शिक्षा का अंत नहीं है, इसे यात्रा की तरह जारी रखें. लगातार नयी जानकारी से खुद को अपडेट रखें. इस अवसर पर सहायक निदेशक डॉ प्रदीप केरकेट्टा एसजे, डीन एकेडमिक्स डॉ अमर एरॉन तिग्गा, फादर क्लैवर मिंज आदि उपस्थित थे.

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