Political News : परिसीमन कराना संवैधानिक प्रक्रिया : राजेंद्र प्रसाद

मूलवासी सदान मोर्चा ने कहा कि परिसीमन कराना संवैधानिक प्रक्रिया है. इसमें कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. मूलवासी सदान मोर्चा ने बिना किसी का नाम लिये कहा कि कुछ नेता ने परिसीमन को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं जो कहीं से भी सही नहीं है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 26, 2024 5:03 PM

रांची (संवाददाता). मूलवासी सदान मोर्चा ने कहा कि परिसीमन कराना संवैधानिक प्रक्रिया है. इसमें कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. मूलवासी सदान मोर्चा ने बिना किसी का नाम लिये कहा कि कुछ नेता ने परिसीमन को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं जो कहीं से भी सही नहीं है. कुछ लोग मूलवासी के नाम पर घड़ियाल आंसू बहाते हैं. उक्त बातें मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने कहीं. उन्होंने मूलवासियों की बात करने वालों से सवाल किया कि मूलवासी कौन है? मूलवासी को ही सदान कहा जाता है. राज्य में जिनकी आबादी 65%है, सिर्फ लोग मूलवासी सदानों की बात कर सदानों की भावनाओं से खिलवाड़ करने का काम करते हैं. मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि जब 112 प्रखंडों की तमाम पंचायतों के मुखिया, प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष के पद को आरक्षित कर दिया गया, उसमें ऐसी भी कुछ पंचायतें थी जहां जनजातियों की एक भी आबादी नहीं थी, जिसके कारण उन पंचायतों में चुनाव नहीं हो सका था. श्री प्रसाद ने कहा कि जब ओबीसी के आरक्षण को 27 से 14 किया गया तो सात जिलों में ओबीसी का आरक्षण शून्य हो गया, तब मूलवासी की बात करने वाले नेता कुछ नहीं बोले. श्री प्रसाद ने कहा कि झारखंड में सहिया-सदान की संस्कृति रही है. लेकिन कुछ लोगों को इसके बारे में कुछ जानकारी नहीं है. कहा कि 2026 में परिसिमन होने और विधानसभा की सीट बढ़ाने से मूलवासी सदानों को भी राजनीतिक अधिकार मिलने की उम्मीद है. ऐसे में कोई राजनीतिक दल के नेता परिसीमन कराने को लेकर सवाल खड़ा करे कहीं से औचित्य नहीं है. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि जातीय जनगणना से भेदभाव नहीं होना चाहिए बल्कि सभी समुदायों की आबादी और आर्थिक आधार का पता चल पायेगा, जिससे सभी वर्गों का उत्थान करने में सरकार को आसानी होगी.

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