Delta Plus Variants Guidelines In Jharkhand रांची : झारखंड में कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा वायरस के बाद अब नये म्यूटेंट (बदला स्वरूप) डेल्टा प्लस का खतरा बढ़ गया है. भारत सरकार द्वारा डेल्टा प्लस को वेरियेंट आॅफ कंसर्न घोषित करने के बाद राज्य सरकार भी गंभीर हो गयी है. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी उपायुक्तों को डेल्टा प्लस के मद्देनजर सतर्कता बढ़ाने का निर्देश दिया है.
देश के डेल्टा प्लस वाले संक्रमित राज्यों से आने वाले यात्रियों की जांच का आदेश दिया गया है. पॉजिटिव रिपोर्ट आने के 24 घंटे के अंदर संक्रमित का सैंपल आइएलएस भुवनेश्वर में भेज कर जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच कराने को कहा गया है. उक्त बातें रविवार को स्वास्थ्य विभाग के इइसी के नोडल आॅफिसर सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहीं.
कोरोना के नये म्यूटेंट की जांच के लिए राज्य में व्यवस्था नहीं है. जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच के लिए आइएलएस भुवनेश्वर या पुणे सैंपल भेजना पड़ता है. रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने तीन महीना पहले ही सरकार से सिक्वेंसर मशीन की मांग की थी, लेकिन वह नहीं मिला. मशीन की उपलब्धता पर नोडल अफसर सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि राज्य सरकार आइसीएमआर के संपर्क में है. उम्मीद है कि यह मशीन हमें केंद्र सरकार से उपलब्ध हो जायेगी.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वैज्ञानिक तथा विशेषज्ञों द्वारा संभावित कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के मद्देनजर सरकार पूर्ण रूप से तैयारी में जुटी है. उन्होंने कहा कि चूंकि तीसरी लहर में बच्चों को संक्रमण का ज्यादा खतरा बताया जा रहा है. इसको लेकर राज्य भर के अस्पतालों में शिशु केयर वार्ड बनाकर सभी चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं. राज्य में ग्राम और पंचायत स्तर पर डेथ ऑडिट करने का कार्य किया जा रहा है.
Posted By : Sameer Oraon