रांची, राजलक्षमी : झारखंड में जेएसएससी एक बार फिर से विवादों में है. छात्र जेएसएससी परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए सड़क पर उतर चुके हैं. बता दें कि जेएसएससी के द्वारा कनीय अभियंता, लैब टेक्नीशियन, नगर पालिका सेवा की परीक्षा ली गई थी, लेकिन यह विवादों में है. छात्रों का आरोप है कि परीक्षा का पेपर पहले ही लीक कर दिया गया था. इसी के साथ छात्र इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे हैं. इस मांग को लेकर झारखंड के छात्र सड़कों पर उतरकर, सरकार के खिलाफ जमकर बवाल काट रहे हैं.
क्या कहते हैं छात्र नेता
छात्र नेता मनोज यादव ने कहा कि जब छात्र के भविष्य पर सवाल खड़ा होता है तब छात्र के हित में सड़क पर दिखेंगे. मनोज ने कहा कि 6 सेंटर पर परीक्षा रद्द कर दी गई, जबकि पूरे राज्यभर के हर सेंटर में यह परीक्षा रद्द करनी चाहिए. सरकार युवाओं के मुद्दे लेकर सत्ता में काबिज हुई थी, लेकिन सरकार के सभी दावे फेल हो गए हैं. अब हम इस सरकार को भी आईना दिखाने का काम कर रहे है. वहीं, छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो ने कहा कि एक तरफ सरकार परीक्षा में नकल विरोधी कानून ला रही है. दूसरी तरफ खुलेआम धांधली की जा रही है. जो छात्र मेहनत से परीक्षा देते हैं और उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं वो हमेशा पीछे रह जाते हैं. हमारे पास सबूत है, सरकार आरोपियों को जेल भेजे और जल्द से जल्द सीबीआई जांच बिठाए.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, 29 अक्टूबर को जेएसएससी की ओर से झारखंड नगरपालिका सेवा संवर्ग प्रतियोगिता परीक्षा–2023 का आयोजन किया गया था. अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाया है. उनका कहना था कि कई केंद्रों पर वितरित प्रश्न बुकलेट में सील नहीं था. कई बुकलेट का सीरियल नंबर प्रिंटेड नहीं था. सीरियल नंबर मार्कर या पेन से लिखा हुआ था. अभ्यर्थियों ने पहले सोशल मीडिया पर अभियान चला कर उच्चस्तरीय जांच की मांग की. अब इसी मामले को लेकर उन्होंने रांची के मोरहाबादी मैदान से राजभवन तक अधिकार मार्च निकाला है.
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