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झारखंड में गर्मी बढ़ते ही बिजली की बढ़ी मांग, 2500 की जगह मिल रही 2164 मेगावाट

गर्मी बढ़ते ही झारखंड में बिजली की डिमांड बढ़ गयी है. लगभग 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की मांग बढ़ी है. वहीं, ग्रामीण इलाकों में लोड शेडिंग होने से उपभोक्ता काफी परेशान दिखे.

Jharkhand News: झारखंड में जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, वैसे-वैसे बिजली की मांग भी बढ़ रही है. लगभग 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की मांग बढ़ गयी है. राज्य में बुधवार की शाम 2500 मेगावाट बिजली की मांग थी, पर उपलब्धता 2164 मेगावाट तक ही थी. इस कारण शाम छह बजे से रात 10 बजे तक राज्य के बड़े हिस्सों में 336 मेगावाट की लोड शेडिंग की गयी. हालांकि, राजधानी रांची को लोड शेडिंग से मुक्त रखा गया था.

ग्रामीण इलाकों में लोड शेडिंग

रांची के ग्रामीण इलाकों में शेडिंग चल रही थी. वहीं, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, लातेहार, गढ़वा, पलामू, जमशेदपुर, चाईबासा, सरायकेला-खरसावां के इलाकों में लोड शेडिंग जारी थी. झारखंड में बुधवार को तेनुघाट से 303 मेगावाट, सीपीपी से पांच मेगावाट व इनलैंड पावर से 51 मेगावाट बिजली मिल रही थी.

बिजली कटौती से उपभोक्ता परेशान

राजधानी में बुधवार को कम बिजली मिलने के कारण बिजली की कटौती की गयी. जिससे राजधानी के कई इलाकों में शाम से बिजली कटौती की गयी. इससे उपभोक्ता परेशान रहे. यह कटौती हटिया, नामकुम,डोरंडा, हरमू, रातू रोड, कांके, बुड़मू,बरियातू, बूटी मोड़ ,रातू ,मांडर सहित अन्य बड़े इलाके में की जा रही थी. मालूम हो कि इन दिनों गर्मी का प्रकोप शुरू हो गया है. ऐसे में बाधित बिजली मिलने से उपभोक्ता परेशान हो गये हैं. हटिया ग्रिड को 120 मेगावाट की जगह 90 ,नामकुम ग्रिड को 105-110 की जगह 80, कांके को 75-80 की जगह 50 मेगावाट, बुढ़मू को 30 से 32 मेगावाट की जगह 18 मेगावाट बिजली मिलने के कारण सभी सब-स्टेशनों को कम बिजली दी गयी.

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मई से बिजली नेटवर्क के विस्तार का काम

झारखंड में बिजली नेटवर्क विस्तार की परियोजना रिवैम्प डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत काम मई से शुरू हो जायेगा. नयी दिल्ली में राज्यों की समीक्षा के दौरान केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर झारखंड बिजली वितरण निगम ने जानकारी दी कि आरडीएसएस के तहत कार्य शुरू करने के लिए मई तक निविदा पूरी हो जायेगी. इस योजना के तहत बिजली घाटा कम करने के लिए संसाधनों के विकास पर करीब 3200 करोड़ और प्री-पेड मीटर के लिए 800 करोड़ खर्च होंगे. केंद्र सरकार ने झारखंड बिजली वितरण निगम के लिए 4200 करोड़ रुपये की योजना की स्वीकृति दी है. इससे ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों में बिजली का नेटवर्क स्थापित किया जाना है. केंद्र को बताया गया कि इस स्कीम से 13.41 लाख स्मार्ट मीटर लगेंगे. 72 नये कृषि फीडर बनाये जायेगे. शहरी क्षेत्र में 11 केवी की 25516 सर्किट किमी लाइन कवर्ड वायर में बदली जायेगी.

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