सरना धर्मकोड लागू करने की मांग हुई तेज, 20 अक्टूबर को राज्यव्यापी रैली निकालने का ऐलान
Jharkhand news, Ranchi news : झारखंड में सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर सरना समाज के लोग गोलबंद होने लगे हैं. आगामी 20 अक्टूबर को पूरे राज्य में महारैली निकालने का ऐलान सरना सदस्यों की ओर से किया गया है. इस संबंध में सरना आदिवासी समाज एवं आदिवासी संस्कृति सरना धर्म रक्षा अभियान के तहत 32 से अधिक शीर्ष सामाजिक एवं सांस्कृति संगठनों की ओर से कार्यक्रम और रणनीति की घोषणा की गयी. इस संबंध में पत्रकारों से बात करते हुए सरना और आदिवासी संगठनों से जुड़े सदस्यों ने इस रैली में आने वाले लोगों से मास्क लगाना अनिवार्य के साथ सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने की बात भी कही.
Jharkhand news, Ranchi news : रांची : झारखंड में सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर सरना समाज के लोग गोलबंद होने लगे हैं. आगामी 20 अक्टूबर को पूरे राज्य में महारैली निकालने का ऐलान सरना सदस्यों की ओर से किया गया है. इस संबंध में सरना आदिवासी समाज एवं आदिवासी संस्कृति सरना धर्म रक्षा अभियान के तहत 32 से अधिक शीर्ष सामाजिक एवं सांस्कृति संगठनों की ओर से कार्यक्रम और रणनीति की घोषणा की गयी. इस संबंध में पत्रकारों से बात करते हुए सरना और आदिवासी संगठनों से जुड़े सदस्यों ने इस रैली में आने वाले लोगों से मास्क लगाना अनिवार्य के साथ सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने की बात भी कही.
सदस्यों ने कहा कि सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर राज्य भर में 20 अक्टूबर को महारैली को आयोजन किया जायेगा. यह महारैली अभूतपूर्व होगी. महारैली का स्वरूप सभी प्रखंड, अनुमंडल, जिला एवं राज्य स्तर पर राजधानी रांची में होगी. रैली के दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO), अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) एवं उपायुक्त (DC) को मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के नाम मांग पत्र सौंपी जायेगी. वहीं, आगामी 27 एवं 28 फरवरी, 2021 को रांची में क्रमश: आदिवासी संस्कृति सरना धर्म संसद एवं महारैली भी आयोजित करने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है.
उन्होंने कहा कि राजधानी रांची में रैली हरमू मैदान और पिसका मोड़ से रातु रोड होते हुए कचहरी चौक होकर मोरहाबादी मैदान स्थित गांधी प्रतिमा के पास पहुंचेगी. इधर तेतर टोली, सरना स्थल बरियातू से रैली मोरहाबादी स्थित गांधी प्रतिमा के समीप मैदान में पहुंचेगी और वहीं समाप्त होगी. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल की ओर से रांची में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा जायेगा.
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राज्यपाल और मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सिर्फ सरना धर्म संबंधी प्रस्ताव पारित कराकर केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजने की मांग की जायेगी, ताकि केंद्र सरकार जनगणना परिपत्र 2021 में सरना धर्मकोड अधिसूचित कर सके.
बताया गया कि वर्ष 2011 की जनगणना में देश के कुल आदिवासियों में अन्य धर्म कॉलम 79.37 लाख लोगों ने अपना अपना धर्म दर्ज किया, जिसमें 49.57 लाख लोगों ने सिर्फ सरना धर्म दर्ज किया है जो अन्य धर्म में दर्ज कुल संख्या का 62 फीसदी है. वहीं, गोंड/ गोड़ी धर्म 10.26 लाख, दोनी पालो 3.31 लाख, सारी धर्म 5.06 लाख, आदिवासी धर्म 86.87 हजार एवं भील 1323 है.
झारखंड में 2011 की जनगणना में अन्य धर्म कॉलम में कुल आदिवासी आबादी में लगभग 86 लाख में से 14 लाख के करीब ईसाई और 42.35 लाख अन्य धर्म कॉलम में अपना- अपना धर्म दर्ज किया गया है, जिसमें 41.31 लाख लोग सिर्फ सरना धर्म दर्ज किया है, जो अन्य धर्म कॉलम में दर्ज संख्या का 97 प्रतिशत है और कुल आदिवासी आबादी का 48 फीसदी है.
सदस्यों ने कहा कि आगामी 20 अक्टूबर, 2020 के राज्यव्यापी महारैली समस्त सरना आदिवासी समाज एवं आदिवासी सांस्कृति सरना धर्म रक्षा अभियान के तत्वावधान में झारखंड के अग्रणी संगठनों में राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा, केंद्रीय सरना समिति, आदिवासी छात्र संघ, आदिवासी सेना, झारखंड आदिवासी संयुक्त मोर्चा, झारखंड सरना आदिवासी समाज, संयुक्त पड़हा महासभा सहित राज्य भर के 32 से अधिक शीर्ष संगठन शामिल होकर महारैली को सफल बनायेंगे.
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पत्रकार सम्मेलन में धर्मगुरु बंधन तिग्गा, शिक्षाविद् डॉ करमा उरांव, नारायण उरांव , रवि तिग्गा, सुशील उरांव, शिवा कच्छप, रमेश उरांव, संजय कुजूर, प्रभात तिर्की, प्रदीप तिर्की, शंकर बेदिया, सुखराम पहन, कमले उरांव, दिनेश उरांव, संध्या उरांव, रेणु उरांव, सुकेश उरांव आदि ने संबोधित किया.
Posted By : Samir Ranjan.