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झारखंड के 15 जिलों में डेंगू बनी महामारी, नगर निगम ने रोकथाम के लिए बनायी टीम

राज्य में मच्छर जनित बीमारियों- मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. जमशेदपुर डेंगू का हॉट स्पॉट बना हुआ है, जबकि राजधानी रांची में भी आये दिन डेंगू के नये मरीज मिल रहे हैं.

रांची शहर में डेंगू महामारी का रूप लेता जा रहा है़ इसके मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है़ इधर, इसको लेकर रांची नगर निगम भी रेस हो गया है़ नगर निगम के प्रशासक अमित कुमार ने डेंगू व चिकनगुनिया के मरीजों को देखते हुए शहर के सभी 53 वार्डों में डोर टू डोर अभियान चलाने का निर्देश दिया है. इसको लेकर टीम भी बनायी गयी है. श्री कुमार ने निगम कर्मियों से कहा कि जिन वार्डों में सबसे अधिक लोगों की तबीयत खराब होने की शिकायत मिल रही है, वहां जाकर घरों की जांच करें. अगर डेंगू का लार्वा मिलता है, तो उसे नष्ट करने के लिए सघन अभियान चलायें.

10 टीमों का गठन

लार्वा की जांच करने के लिए नगर निगम ने 10 टीमों का गठन किया है. इसमें निगमकर्मियों के अलावा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी शामिल रहेंगे. टीम घरों में घुसकर देखेगी कि कहीं पर जलजमाव तो नहीं है. अगर घर के अंदर या छत पर जलजमाव मिलता है, तो फिर पानी की ऑन स्पॉट जांच की जायेगी.

छिड़काव व फॉगिंग के लिए 212 कर्मियों को लगाया गया

मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए नगर निगम ने लार्वा नष्ट करने के लिए अभियान तेज कर दिया है. इसके लिए 53 वार्ड में 212 कर्मियों को लगाया गया है. ये कर्मी नालों में केमिकल का छिड़काव व फॉगिंग करेंगे.

रिम्स से पांच मरीजों की मिली सूची

शहर में डेंगू से पीड़ित पांच मरीजों की सूची नगर निगम को रिम्स ने सौंपी है. ये मरीज दर्जी मोहल्ला डोरंडा, कर्बला चौक, हिल व्यू बरियातू, सर्कुलर रोड लालपुर एवं मिल्लत कॉलोनी बरियातू के निवासी हैं. इसके बाद नगर निगम ने इन मोहल्लों में फॉगिंग शुरू कर दी है.

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15 जिले चपेट में, सरकार की तैयारी नहीं : रघुवर

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि मच्छर जनित बीमारी राज्य में कहर ढा रही है. वहीं, सरकार के लिए कोई मरे या जीये फर्क नहीं पड़ता है. 15 जिले डेंगू और 10 जिले चिकनगुनिया की चपेट में हैं. इससे निपटने के लिए सरकार की तैयारी न के बराबर है. न तो फॉगिंग की पर्याप्त व्यवस्था है और न ही दवा के छिड़काव की. श्री दास ने कहा कि जमशेदपुर में डेंगू के मरीजों की संख्या सर्वाधिक 475 है. इनमें पांच की मौत हाल के दिनों में हुई है. रांची दूसरे स्थान पर है, जहां एक मरीज की मौत हो चुकी है. रांची में अगस्त तक 26 डेंगू और 47 चिकनगुनिया के मामले मिले थे. राज्य की राजधानी में इन बीमारियों के नियंत्रण के लिए जब कारगर कदम नहीं उठाये जा रहे हैं, तब अन्य जगहों की सुध कौन लेगा.

निजी लैब की जांच में भी मिल रहे डेंगू के 20% मरीज

राज्य में मच्छर जनित बीमारियों- मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. जमशेदपुर डेंगू का हॉट स्पॉट बना हुआ है, जबकि राजधानी रांची में भी आये दिन डेंगू के नये मरीज मिल रहे हैं. मंगलवार को जमशेदपुर में डेंगू के 25 नये मरीज चिह्नित किये गये हैं. वहीं, रांची में दो नये मरीज मिले हैं, जिनका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है. सदर में फिलहाल डेंगू के कुल नौ मरीज भर्ती हैं. ये सरकारी आंकड़े हैं. यानी इन मरीजों के सैंपलों की जांच सरकारी अस्पतालों में हुई है. जबकि, निजी लैब में हो रही कुल जांच में 15 से 20 फीसदी डेंगू के मरीज मिल रहे हैं. यानी स्वास्थ्य विभाग की ओर से मच्छर जनित बीमारियों के जो आंकड़े उपलब्ध कराये जा रहे हैं, वास्तविक मरीजों की संख्या उससे ज्यादा है.

दरअसल, मच्छर जनित बीमारियों के प्रकोप से सरकारी अस्पतालों पर दबाव बढ़ा है, इसलिए यहां ब्लड रिपोर्ट मिलने में देर हो रही है. ऐसे में निजी अस्पतालों और निजी जांच घरों में खून जांच करानेवालों की तादाद बढ़ी है. इन लैबों में बड़ी संख्या में मरीज डॉक्टरों की सलाह पर रैपिड डायग्नोस्टिक किट, एनएस-वन, आइजीजी और एंटी बॉडी टेस्ट करा रहे हैं. राजधानी में एनएबीएल मान्यता प्राप्त बड़े निजी लैब से मिले आंकड़ों के अनुसार, यहां संदिग्ध मरीजों के ब्लड सैंपल की जांच के बाद 15 से 20 प्रतिशत मरीजों में डेंगू के लक्षण मिल रहे हैं. राजधानी के बरियातू इलाके में रिम्स के पास स्थित एक बड़े लैब में एक अगस्त से लेकर अब तक 327 संदिग्ध मरीजों में डेंगू के लक्षण मिले हैं. वहीं, चिकनगुनिया के 25 संदिग्ध मरीजों में से एक में ही संक्रमण की पुष्टि हुई है.

राज्य के सभी जिलों में घर-घर जाकर लार्वा नष्ट करने और दवा का छिड़काव करने का निर्देश दिया गया है. संबंधित नगर निकायों को भी मोहल्लों में जाकर छिड़काव करने को कहा गया है. जमशेदपुर में मच्छर जनित बीमारियों के केस ज्यादा मिल रहे हैं, इसलिए वहां ज्यादा सतर्कता बरतने की कहा गया है.

– डॉ बीके सिंह, एसपीओ

डेंगू के प्रकोप के चलते बढ़ी प्लेटलेट्स की मांग

राजधानी में डेंगू के बढ़ते प्रकोप के चलते प्लेटलेट्स की मांग बढ़ गयी है. सामान्य दिनों में जहां एक-दो यूनिट प्लेटलेट्स की मांग होती थी, वहीं इन दिनों रोजाना छह से 10 यूनिट प्लेटलेट्स की मांग हो रही है.

90% मरीजों में प्लेटलेट्स काउंट सामान्य रह रहा है. पांच फीसदी मरीजों का ही प्लेटलेट्स 40 से 30 हजार के बीच पहुंच रहा है. 30 हजार से नीचे जाने की स्थिति में अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है. लैब में सैंपल जांच के आधार पर रांची में अभी बीमारी का प्रकोप ज्यादा नहीं है.

– डॉ बिमलेश सिंह, पैथोलॉजिस्ट

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