झारखंड में डेंगू के 30 और चिकनगुनिया के 20 मरीज मिले, स्वास्थ्य विभाग ने दिया ये निर्देश, जानें बचाव के उपाय
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलाें में तैनात वैक्टर बॉर्न डिजिज कंसल्टेंट को सतर्कता बरतने और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया है. विशेषज्ञों ने बताया कि शुरू के तीन दिनों में अगर बुखार कम नहीं होता है, तो डेंगू की जांच करानी चाहिए
राज्य में मच्छर जनित बीमारी डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार सोमवार को डेंगू के 302 और चिकनगुनिया के 240 संदिग्धों की जांच की गयी. इसमें 30 डेंगू और 20 मरीजों के चिकनगुनिया होने की पुष्टि हुई है. वहीं, रांची में 194 संदिग्धों की जांच सोमवार को हुई, जिसमें 12 की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. राज्य में डेंगू के अब तक 851 और चिकनगुनिया के 243 मरीज मिल चुके हैं.
इधर, स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलाें में तैनात वैक्टर बॉर्न डिजिज कंसल्टेंट को सतर्कता बरतने और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया है. विशेषज्ञों ने बताया कि शुरू के तीन दिनों में अगर बुखार कम नहीं होता है, तो डेंगू की जांच करानी चाहिए. डेंगू की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर प्लेटलेट्स अगर 40,000 से कम आता है, तो सतर्कता जरूरी है. इससे नीचे प्लेटलेट्स होने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए. डेंगू और चिकनगुनिया की जांच ब्लड सैंपल के माध्यम से की जाती है. डॉक्टरों का कहना है कि प्लेटलेट्स कम होने पर दवा दुकान से दवा लेकर इलाज नहीं करायें, अस्पताल में आकर परामर्श लें.
ऐसे करें बचाव
कूलर, टायर, टंकी या घर के बर्तन में पानी जमा न होने दें. बागान में मच्छर मारने वाले स्प्रे का उपयोग करें. पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनें. खिड़की और दरवाजा को जाली से ढंक कर रखें.
साफ पानी में पनपता है डेंगू का लार्वा
डेंगू एडिज मच्छर के काटने से होता है. इसका लार्वा जमे हुए साफ पानी में पनपता है. इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को तेज बुखार, सिरदर्द और आंखों के पीछे दर्द होता है. शरीर पर लाल चकत्ता भी पड़ जाता है. इसके अलावा जोड़ और मांसपेशियों में दर्द और थकान हो सकती है.
डेंगू के मुख्य लक्षण
तेज बुखार
मांसपेशी और सिर में दर्द
आंख के पिछले हिस्से में दर्द
कमजाेरी
भूख नहीं लगना
शरीर में चकत्ता होना
डेंगू में यह जांच जरूरी
एनएस-1 एंटीजेन
आइजीएम
आइजीजी
डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ी है, क्याेंकि इस मौसम में मच्छर जनित मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. इस मौसम में डेंगू जैसा लक्षण मिले, तो डेंगू और चिकनगुनिया की जांच अवश्य करायें. एनएस-वन जांच तीन दिन में पकड़ में आ जाता है, लेकिन आइजीएम और आइजीजी की जांच भी जरूरी है. सीबीसी और एलएफटी जांच भी करा लेनी चाहिए. मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें. साफ पानी घर में जमा नहीं होने दें.
डॉ विद्यापति, विभागाध्यक्ष, मेडिसिन
डोर टू डोर पहुंचें कर्मी, जमा पानी की जांच करें : रजनीश
रांची. शहर में डेंगू/चिकनगुनिया के प्रकोप को देखते हुए उप प्रशासक रजनीश कुमार ने स्वास्थ्य एवं स्वच्छता शाखा की टीम के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में श्री कुमार ने कहा कि दिनोंदिन डेंगू/चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. इसे देखते हुए हमें डोर टू डोर कैंपेन शुरू करना पड़ेगा. इसके लिए निगम कर्मी हर एक घर तक जायें. लोगों के घरों में जहां कहीं भी पानी जमा है, उस पानी की जांच करें. अगर इसमें लार्वा मिलता है, तो तत्काल इसको नष्ट करें.
नाला-नाली, झाड़ी में दवा का करें स्प्रे :
उन्होंने सभी सुपरवाइजरों को निर्देश दिया कि शहर के हर छोटी-बड़ी नाली, झाड़-जंगल में एंटी लार्वा दवा का स्प्रे करें. इसके अलावा लोगों को भी जागरूक करें कि अपने घर की छत या आंगन में पानी जमा न होने दें.