रांची : झारखंड में डेंगू व चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. राज्य में शुक्रवार को डेंगू के पांच नये मरीज मिले. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य में अब तक डेंगू के 793 और चिकनगुनिया के 223 मरीज मिले हैं. सरकारी और निजी अस्पतालों में इनका इलाज किया गया है. वहीं, रिम्स में डेंगू के 14 मरीजों का इलाज चल रहा है. इधर, चिंता की बात यह है कि रिम्स परिसर में जगह-जगह पानी जमा है. ऐसे में इसमें डेंगू का लार्वा पनपने का खतरा है. शुक्रवार को प्रभात खबर के संवाददाता ने अस्पताल परिसर का मुआयना किया, जिसमें हकीकत यह दिखी.
टीबी एंड चेस्ट ओपीडी के सामने गमले रखे हुए हैं. इस गमले में कई दिनों से पानी जमा है. ऐसे में डेंगू का लार्वा पनपने का खतरा बना हुआ है.
डॉक्टर से परामर्श लेने के लिए मेडिसिन ओपीडी ब्लॉक के सामने मरीजों की लाइन लगी रहती है. वहीं, पास में ही नाली है, जिसमें बारिश का पानी एकत्र है. नाली से पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. यहां ठहरे हुए पानी में चिकनगुनिया व डेंगू का लार्वा पनपने की आशंका है.
रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में डेंगू व सामान्य दोनों मरीज भर्ती हैं. वार्ड के अंदर मरीजों को बेहतर सुविधा मुहैया करायी जा रही है. आवश्यक दवाएं और मच्छरदानी भी उपलब्ध हैं. जबकि, वार्ड के पीछे खिड़की के पास पानी जमा हुआ है. इसमें भी लार्वा पनपने का खतरा है.
रिम्स की पुरानी बिल्डिंग की छत पर टूटे यूरिनल और अन्य सामान फेंके हुए हैं. यूरिनल में पानी एकत्र है, जिसमें मच्छरों का लार्वा पनपने की आशंका है.
पीएचइडी को लगातार जमा पानी की निकासी की व्यवस्था करने का निर्देश दिया जा रहा है. वहीं, प्रबंधन की ओर से जगह-जगह दवा का छिड़काव कराया जा रहा है. इसके अलावा जिन स्थानों पर पानी जमा है, उसे भी साफ कराया जायेगा.
-डॉ शैलेश त्रिपाठी, उपाधीक्षक, रिम्स
मच्छर जनित बीमारी के कारण लोगों के महत्वपूर्ण अंग प्रभावित हो रहे हैं. डेंगू पीड़ित मरीजाें में मलेरिया और चिकनगुनिया की पुष्टि हो रही है. इससे मरीजों की किडनी और लिवर भी प्रभावित हो रहे हैं. राजधानी के अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है. रिम्स में भर्ती तीन मरीजों में डेंगू के साथ-साथ चिकनगुनिया की भी पुष्टि हुई है. आर्किड, मेडिका और राज अस्पताल में भी ऐसे मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
इसमें कुछ मरीजों का मल्टी ऑर्गन प्रभावित हो गया है. फिजिशियन डॉ एमके बदानी ने कहा कि डेंगू का समय पर इलाज नहीं कराने से बीमारी की जटिलता बढ़ जा रही है. इससे किडनी और लिवर भी प्रभावित हो रहे हैं. डेंगू के साथ मलेरिया और चिकनगुनिया भी हो जा रहा है. ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.