झारखंड में तेजी से पांव पसार रहा है डेंगू, अब तक 356 लोग आ चुके हैं चपेट में, 8,199 लोग मलेरिया से पीड़ित
चिकनगुनिया से राज्य में अभी तक 123 लोग पीड़ित हुए हैं. वहीं, राज्य में 8,199 लोग मलेरिया की चपेट में आ चुके हैं. रिम्स में सबसे ज्यादा मलेरिया से पीड़ित मरीजों का इलाज हुआ है
झारखंड में मच्छर जनित बीमारी डेंगू तेजी से अपना पांव पसार रहा है. स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों की मानें, तो राज्य में अभी तक डेंगू की चपेट में 356 लोग आ चुके हैं. सबसे ज्यादा पूर्वी सिंहभूम में 262 लोगों को डेंगू हो चुका है. वहीं, रांची के 22 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है. हालांकि कई पीड़ितों का इलाज निजी अस्पताल में किया गया है, जिनका रिकॉर्ड स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है. निजी अस्पताल से इलाज कराने के बाद लोग स्वस्थ होकर घर चले जाते हैं, लेकिन उनका आंकड़ा अस्पताल द्वारा विभाग को नहीं दिया जाता है. ऐसे में यह आंकड़ा बढ़ सकता है.
इधर, चिकनगुनिया से राज्य में अभी तक 123 लोग पीड़ित हुए हैं. वहीं, राज्य में 8,199 लोग मलेरिया की चपेट में आ चुके हैं. रिम्स में सबसे ज्यादा मलेरिया से पीड़ित मरीजों का इलाज हुआ है. इसमें जवानों की संख्या सबसे ज्यादा है. डेंगू से पीड़ित लोगों में बच्चों की संख्या भी अधिक है. राजधानी में पिछले एक महीना में करीब आधा दर्जन बच्चे इसकी चपेट में आ चुके है.
साफ पानी में पनपता है डेंगू का लार्वा :
विशेषज्ञ डॉक्टरों ने बताया कि डेंगू का लार्वा साफ पानी में पनपता है. ऐसे में घर में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए. फ्रीज, कूलर और घर के अंदर रखे गये पात्रों में ज्यादा दिन तक पानी नहीं जमने दें. पानी की टंकी को खुला नहीं छोड़े. मच्छरदानी का प्रयोग करें.
विभाग चला रहा अभियान
मच्छर जनित बीमारी मलेरिया और डेंगू से बचाव के लिए राज्य में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिलों में स्वास्थ्यकर्मी सर्वे कर घरों में जाकर लार्वा नष्ट कर रहे हैं. यह अभियान नवंबर तक चलाया जायेगा. अभी तक 64,550 घरों का सर्वे हुआ है, जिसमें 2,818 घरों में लार्वा पाया गया है. 1,58,404 पात्रों की जांच की गयी, जिसमें 3,629 में लार्वा मिला. इसे नष्ट किया गया है.