झारखंड में डेंगू पर लगेगा लगाम, रिम्स में क्लीनिकल ट्रायल शुरू, 20 को लगा टीका
डेंगू की वैक्सीन ‘डेंगीऑल’ के क्लीनिकल ट्रायल की पूरी जिम्मेदारी रिम्स के पीएसएम विभाग को दी गयी है. विभाग के डॉ मिथलेश इसकी अगुआई कर रहे हैं.
Dengue Vaccine, रांची : इंडियन मेडिकल रिसर्च सेंटर(आइसीएमआर) और ‘पैनेशिया बायोटेक’ के सहयोग से तैयार स्वदेशी डेंगू वैक्सीन ‘डेंगीऑल’ का क्लीनिकल ट्रायल रिम्स में शुरू हो गया है. इस वैक्सीन के तीसरे चरण का यह पहला क्लीनिकल ट्रायल है. इसके तहत 20 से ज्यादा लोगों को डेंगू की वैक्सीन दी गयी है. वैक्सिनेशन के सात दिन बाद उनकी दोबारा स्क्रीनिंग कर स्वास्थ्य का परीक्षण भी किया गया है, जिसमें किसी प्रकार की समस्या नहीं पायी गयी है. ट्रायल में शामिल लोगों को दो साल फॉलोअप में रखा जायेगा.
डेंगीऑल वैक्सीन ट्रायल की जिम्मेदारी रिम्स को
‘डेंगीऑल’ के क्लीनिकल ट्रायल की पूरी जिम्मेदारी रिम्स के पीएसएम विभाग को दी गयी है. विभाग के डॉ मिथलेश इसकी अगुआई कर रहे हैं. वहीं, टीम में विभागाध्यक्ष डॉ विद्यासागर और डॉ देवेश कुमार भी शामिल हैं. डॉ देवेश कुमार ने बताया कि क्लीनिकल ट्रायल के तहत रांची शहरी क्षेत्र के डोरंडा और धुर्वा इलाके के लोगों को वैक्सीन दी गयी है. वहीं, इसमें अन्य लोगों को शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है. पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में किसी को कोई साइड इफेक्ट नहीं मिला है. वहीं, इसके सकारात्मक परिणाम मिले हैं.
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ये है क्लीनिकल ट्रायल की प्रक्रिया
क्लीनिकल ट्रायल में पहले चरण में लोगों को वैक्सीन के बारे में समझाया जाता है और उनकी सहमति ली जाती है. दूसरे चरण में सहमत लोगों की स्क्रीनिंग होती है और उनके खून की जांच की जाती है. इसमें सफल पाये लोगों को वैक्सीन लगायी जाती है.
डेंगू के बढ़ रहे मामलों पर लगेगी लगाम
पिछले दो दशकों से डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ा है. देश और राज्य में हर साल इससे सैकड़ों लोग डेंगू की चपेट में आते हैं. झारखंड में इस साल अगस्त तक 450 से ज्यादा डेंगू के मरीज मिले थे. वहीं, पिछले साल एक व्यक्ति की मौत भी डेंगू से हुई थी. अगर यह टीका पूर्ण परीक्षण के बाद आता है, तो उम्मीद है कि डेंगू के मामलों में कमी आयेगी.