रांची: झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने राज्य में एनएचआरएम की ओर से अनुबंध पर 86 दंत चिकित्सकों की नियुक्ति में अनियमितता को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान अदालत ने प्रार्थी का पक्ष सुना. इसके बाद अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि यदि दंत चिकित्सकों की नियुक्ति में अनियमितता मिली, तो मामले की जांच सीबीआइ को भी सौंपी जा सकती है. अदालत ने स्वास्थ्य विभाग, एनएचआरएम और चयनित अभ्यर्थियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. प्रतिवादी स्वास्थ्य विभाग, एनएचआरएम को तीन सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा गया. मामले की सुनवाई चार सप्ताह के बाद होगी.
इससे पूर्व प्रार्थी की ओर के अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने अदालत को बताया कि दंत चिकित्सक की नियुक्ति में अनियमितता बरती गयी है. विज्ञापन में जो शर्तें निर्धारित थी, उसकी अनदेखी कर कट ऑफ डेट के बाद उत्तीर्ण होनेवाले अभ्यर्थियों को भी दंत चिकित्सक के रूप में नियुक्त कर दिया गया है. शैक्षणिक योग्यता के अलावा दो वर्ष का कार्य अनुभव, जो वर्ष 2021 तक का हो, मांगा गया था. लेकिन 2022 और 2023 में उत्तीर्ण होनेवाले अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति की गयी है, जो विज्ञापन की शर्तों का उल्लंघन है. उन्होंने पूरे मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी जैसे सीबीआइ से कराने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी डॉ अविनाश कुमार व अन्य की ओर से याचिका दायर की गयी है. उन्होंने मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है.