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देवघर हादसे पर झारखंड हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, कहा- न हो घटना की पुनरावृत्ति, सरकार को दिया ये निर्देश

झारखंड हाईकोर्ट ने देवघर रोपवे हादसे पर संज्ञान लेते हुए निर्देश दिया है कि इस घटना की पुनरावृत्ति न हो और इसकी उच्चस्तरीय जांच हो. इस मामले में सरकार से विस्तृत जानकारी मांगी गयी है

Jharkhand High Court on Ropeway Accident रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने देवघर में 10 अप्रैल को हुई त्रिकूट पर्वत रोपवे हादसे को गंभीरता से लेते हुए मामले को स्वत: संज्ञान से जनहित याचिका में तब्दील कर दिया है. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि यह बहुत दु:खद घटना है. हादसे पर मीडिया में आयी खबरों को गंभीरता से लेते हुए कि यह बहुत ही गंभीर मामला है.

इसकी उच्चस्तरीय जांच जरूरी है, ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो सके. खंडपीठ ने राज्य सरकार को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. शपथ पत्र में हादसे का कारण, रेस्क्यू ऑपरेशन व उच्चस्तरीय जांच से संबंधित विस्तृत जानकारी दी जाये. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 25 अप्रैल की तिथि निर्धारित की.

रोप-वे के रख-रखाव और सुरक्षा की हो समीक्षा

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देवघर के त्रिकूट रोप-वे हादसे के बाद झारखंड सरकार को सचेत किया है. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने इस बाबत मुख्य सचिव सुखदेव सिंह समेत सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिख कर राज्य में स्थित सभी रोप-वे की स्थिति का आकलन करने को कहा है.

कहा गया है किवरीय अधिकारियों को लेकर सुरक्षा की दृष्टि से मॉक ड्रिल करायें, ताकि किसी तरह का हादसा होने पर बचाव कार्य चलाया जा सके. लगातार रोप-वे की मॉनिटरिंग हो, इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेवारी दी जाये. रोप-वे ऑपरेशन को लेकर एसओपी भी जारी किया जाये. आकस्मिक प्लान तैयार किया जाये. हर रोपवे प्रोजेक्ट के लिए एक मेंटेनेंस मैनुअल तैयार किया जाये. एक मेंटेनेस प्रोग्राम भी हो. सेफ्टी स्टैंडर्ड होनी चाहिए. रोपवे मेंटेनेंस का रिकॉर्ड भी हो.

Posted By: Sameer Oraon

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