रांची : कोरोना संक्रमण के बीच झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों से स्कूल खोलने के बारे में ऑनलाइन सुझाव मांगा है. इसके लिए बाकायदा एक ऑनलाइन फॉर्म जारी किया गया है. इसमें 14 ब्लॉक हैं, जिसे आपको भरना होगा. विभाग ने कहा है कि जो भी अभिभावक अपनी राय देना चाहते हैं, वे 30 जुलाई, 2020 तक ऑनलाइन फॉर्म को भर दें.
शिक्षा विभाग ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर स्कूल को खोलने या नहीं खोलने के बारे में अभिभावकों से सुझाव मांगे गये हैं. झारखंड के सभी सरकारी, निजी एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों के माता/पिता/अभिभावक 30 जुलाई तक अपनी राय दे सकते हैं. झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल की वेबसाइट पर जाकर अभिभावक अपनी राय से सरकार को अवगत करा सकते हैं.
इसके लिए अभिभावकों को शिक्षा विभाग की वेबसाइट http://jepc.jharkhand.gov.in या http://schooleducation.jharkhand.gov.in पर जाना होगा. साइट पर नीली पट्टी (ब्लू स्ट्रिप) में दायीं ओर पेरेंट्स फीडबैक ऑन स्कूल ओपनिंग यानी स्कूल खोलने के बारे में अभिभावकों की राय (Parents Feedback on School Opening) का लिंक दिया गया है. इसे क्लिक करने पर एक फॉर्म खुलता है. इस फॉर्म में कुछ जानकारियां मांगी गयी है, जिसे अभिभावकों को भरना होगा.
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इस फॉर्म में अभिभावक/माता/पिता का नाम बताना होगा. इसके बाद अपना मोबाइल नंबर, आप किस जिले से हैं, आपका बच्चा किस कक्षा में पढ़ता है, स्कूल कौन है यानी राज्य सरकार का स्कूल है, केंद्र सरकार का स्कूल है, सरकारी सहायता प्राप्त या अल्पसंख्यक स्कूल है अथवा प्राइवेट स्कूल है. इसके बाद आपको स्कूल का नाम भी बताना होगा.
इसके बाद जो चीज आपसे पूछी जायेगी, वह यह कि आपके हिसाब से बच्चों के लिए स्कूल कब खोला जाना चाहिए. इस सेक्शन में आपके लिए कई विकल्प भी दिये गये हैं. यहां आपको बताना होगा कि स्कूलों को फिर से कब खोलना चाहिए. अगस्त 2020 में, सितंबर 2020 में, अक्टूबर 2020 में, नवंबर 2020 या कोरोना वायरस (कोविड19) का टीका मिल जाने के बाद.
सवालों का सिलसिला यहीं नहीं थमेगा. आपको आगे यह भी बताना होगा कि बच्चों के स्कूल जाने और उन्हें घर तक पहुंचाने के लिए आपका पसंदीदा साधन क्या है : बच्चे खुद आयेंगे, बस में आयेंगे या अभिभावक के साथ आयेंगे. आपका अगला सवाल है कि स्कूल में पठन-पाठन की अवधि क्या होनी चाहिए. यानी स्कूल में बच्चे कितनी देर रहें. 2 घंटे, 2 से 4 घंटे या 4 से 6 घंटे तक. इनमें से आपको एक विकल्प चुनना होगा.
शिक्षण का तरीका भी आपको बताना होगा. इस सेगमेंट में आपको यह सलाह देनी होगी कि सिर्फ ऑनलाइन कक्षाएं चले, हर दिन स्कूल में बच्चे पढ़ने जायें, वैकल्पिक दिन यानी एक दिन छोड़कर बच्चे स्कूल में पढ़नें जायें या ऑनलाइन क्लास के साथ-साथ स्कूल में भी पढ़ाई होनी चाहिए. इसके बाद आपसे बेहद अहम सवाल पूछा जायेगा. इसमें कहा गया है कि आपके हिसाब से स्कूल खोलने पर स्कूल प्रबंधन को किन सावधानियों का पालन करना चाहिए. इसमें आपको एक से अधिक विकल्प चुनने की छूट दी गयी है.
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इस सेक्शन में जो विकल्प हैं, वे इस प्रकार हैं : विद्यालय में प्रवेश से पहले शरीर का तापमान मापना, हैंड सैनिटाइजर की उपलब्धता, छात्रों द्वारा फेस मास्क का उपयोग, वैकल्पिक दिन कक्षाएं चलें, कक्षा के भीतर शारीरिक दूरी, स्कूल/कक्षाओं की स्वच्छता एवं वॉशरूम में हाथ धोने की सुविधा. इसके बाद मध्याह्न भोजन से जुड़ा सवाल है. पूछा गया है कि बदली हुई परिस्थितियों में बच्चों को मध्याह्न भोजन किस रूप में दिया जाये.
इस सवाल का जवाब देने के लिए आपको तीन विकल्प मिलेंगे. पहला विकल्प है स्कूल में खाना बनाया जाना चाहिए. दूसरा विकल्प है खाना पकाने की लागत के लिए डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर या कैश के साथ सूखा राशन देने का है. तीसरे और अंतिम विकल्प में कहा गया है कि सरकारी स्कूल के अलावा अन्य स्कूलों के लिए लागू नहीं.
इस सवाल का जवाब देकर आप आगे बढ़ेंगे, तो आपसे पूछा जायेगा कि जब स्कूल खुलेंगे, तो आपकी विद्यालय से क्या अपेक्षाएं होंगी. इसके बारे में आपको अपने विचार देने होंगे. इस सवाल का जवाब आपको जरूर से देना है. इन सवालों के जवाब देने के बाद भी यदि आपको लगता है कि कुछ अतिरिक्त किये जाने की जरूरत है, तो अब आप वह सुझाव भी दे सकते हैं.
इसके बाद सबमिट का बटन दबा दें. राय देने की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी. यदि आप इस फॉर्म के झंझट में नहीं पड़ना चाहते, तो अपने विचार ई-मेल से भी भेज सकते हैं. इसके लिए एक इ-मेल आइडी schoolsjhr@gmail.com वेबसाइट पर जारी ऑनलाइन फॉर्म के आखिरी ब्लॉक में जारी किया गया है.
Posted By : Mithilesh Jha