भगवान वेंकटेश का परिणयोत्सव संस्कार शुरू
भगवान वेंकटेश का परिणयोत्सव संस्कार शुक्रवार से शुरू हो गया.
रांची. भगवान वेंकटेश का परिणयोत्सव संस्कार शुक्रवार से शुरू हो गया.दूल्हे राजा सहित दोनों दुल्हनियों को हल्दी का उबटन लगाया गया.उन्हें सुगंधित चंदन का लेपन किया गया और शहद की मालिश की गयी. इसके बाद दूध , दही, नारियल पानी और गंगाजल से भगवान का अभिषेक शंख – चक्र एवं सहस्त्रधारा से किया गया. इसके बाद भगवान वेंकटेश और जगत जननी की नक्षत्र आरती, कुंभ आरती और कर्पूर आरती की गयी. उसके बाद भगवान को खीर, पोंगल और फल का भोग लगाया गया. सृष्टि के रचयिता की अष्टोत्तर पुष्प -अर्चना की गयी और जगत जननी महालक्ष्मी की अष्टोत्तर कुमकुम अर्चना की गयी. पूरे दिन मंदिर परिसर श्रीमन्नारायण नारायण के भजन से गूंजता रहा. भक्त भगवान के दिव्य दर्शन करके उनके आगे नतमस्तक हो रहे थे. अभिषेक के मुख्य यजमान रामअवतार नारसरिया व शारदा नारसरिया थी. वृंदावन से पधारे श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने कहा कि भगवान वेंकटेश के महोत्सव में शामिल होने से सभी देवता तो प्रसन्न होते ही हैं, साथ में सारे वक्री ग्रह राहु – केतु , शनि आदि भी सहज हो प्रसन्न हो जाते हैं.दक्षिण भारत के कांचीपुरम से पधारे प्रधान आचार्य वत्स भट्टर, कन्नन भट्टर, रंगराज भट्टर और सभी पुरोहित परिचारकों ने दक्षिणात्य पद्धति से कलश स्थापना कराया. अनुष्ठान में मुख्य रूप से गोपाल लाल चौधरी, विनय धरनीधरका,अनूप अग्रवाल, प्रदीप नारसरिया, अनीष अग्रवाल, श्रवण खंडेलवाल, रंजन सिंह, सुशील लोहिया, कन्हैया लोहिया सहित अन्य उपस्थित थे .
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