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झारखंड समेत पांच राज्यों के डीजीपी ने नक्सलियों व साइबर अपराधियों पर कार्रवाई को लेकर क्या तैयार की योजना?

झारखंड और ओड़िशा की सीमा पर सारंडा वन क्षेत्र में संयुक्त अभियान चलाने की रणनीति तैयार की गयी. इसके अलावा एक दूसरे राज्यों की पुलिस से नक्सलियों और अपराधियों का डाटा भी साझा किया गया. डीजीपी ने कहा कि बैठक के दौरान झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा पर नक्सल परिदृश्य की समीक्षा की गयी है.

रांची: इस्टर्न रीजनल पुलिस को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पुलिस मुख्यालय में डीजीपी अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई. इसमें झारखंड सहित पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ और बिहार के डीजीपी सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए. बैठक के दौरान नक्सलियों, साइबर अपराधियों, इंटर स्टेट गिरोह से जुड़े अपराधियों, मानव तस्कर, ड्रग की तस्करी करने वाले और अवैध शराब के कारोबार में शामिल तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के लिए योजना तैयार की गयी. डीजीपी ने कहा कि बैठक के दौरान झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा पर नक्सल परिदृश्य की समीक्षा की गयी है. समीक्षा के दौरान पाया गया कि वहां नक्सल गतिविधियों में काफी कमी आयी है. ऑपरेशन के कई कैंप स्थापित किये गये हैं. इसके अलावा साइबर अपराधियों पर कार्रवाई को लेकर फर्जी तरीके से सिमकार्ड बेचने वालों पर कार्रवाई करने के लिए योजना तैयार की गयी. एडीजी पुलिस मुख्यालय मुरारीलाल मीना ने बताया कि राज्य पुलिस की सीमा राज्य तक सीमित होती है, लेकिन अपराधियों की कोई सीमा नहीं होती. वे घटना के बाद दूसरे राज्य भी चले जाते हैं. आइजी अभियान एवी होमकर ने बताया कि बूढ़ा पहाड़ पर नक्सलियों के सफाये से छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की गतिविधियों में कमी आयी है. चतरा में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई से झारखंड और बिहार की सीमा पर भी नक्सलियों की गतिविधियों में कमी आयी है. बैठक के दौरान झारखंड पुलिस से एडीजी प्रिया दूबे, आइजी सीआरपीएफ विधि कुमार विर्दी, आइजी स्पेशल ब्रांच प्रभात कुमार, आइजी सीआइडी असीम विक्रांत मिंज, डीआइजी एसटीएफ इंद्रजीत महथा सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे.

सारंडा वन क्षेत्र में चलेगा संयुक्त अभियान

झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता मेंइस्टर्न रीजनल पुलिस को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पुलिस मुख्यालय में हुई. इसमें झारखंड सहित पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ और बिहार के डीजीपी सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए. इसमें झारखंड और ओड़िशा की सीमा पर सारंडा वन क्षेत्र में संयुक्त अभियान चलाने की रणनीति तैयार की गयी. इसके अलावा एक दूसरे राज्यों की पुलिस से नक्सलियों और अपराधियों का डाटा भी साझा किया गया. बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में डीजीपी ने कहा कि बैठक के दौरान झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा पर नक्सल परिदृश्य की समीक्षा की गयी है. समीक्षा के दौरान पाया गया कि वहां नक्सल गतिविधियों में काफी कमी आयी है. ऑपरेशन के कई कैंप स्थापित किये गये हैं. इसके अलावा साइबर अपराधियों पर कार्रवाई को लेकर फर्जी तरीके से सिमकार्ड बेचने वालों पर कार्रवाई करने के लिए योजना तैयार की गयी.

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अपराधियों की कोई सीमा नहीं होती : मुरारीलाल

एडीजी पुलिस मुख्यालय मुरारीलाल मीना ने बताया कि राज्य पुलिस की सीमा राज्य तक सीमित होती है, लेकिन अपराधियों की कोई सीमा नहीं होती. वे घटना के बाद दूसरे राज्य भी चले जाते हैं. बैठक का मूल उद्देश्य था कि दूसरे राज्य के साथ समन्वय स्थापित कर ऐसी लोगों पर कार्रवाई की जा सके. इसके अलावा बैठक के दौरान आपसी समन्वय से नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाने, साइबर अपराध, मानव तस्करी, ड्रग्स की तस्करी पर रोक लगाने के लिए कार्रवाई के बिंदु पर चर्चा की गयी.

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बूढ़ा पहाड़ पर नक्सलियों के सफाये से छत्तीसगढ़ में नक्सल गतिविधि कम

आइजी अभियान एवी होमकर ने बताया कि बूढ़ा पहाड़ पर नक्सलियों के सफाये से छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की गतिविधियों में कमी आयी है. चतरा में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई से झारखंड और बिहार की सीमा पर भी नक्सलियों की गतिविधियों में कमी आयी है. शेष बचे नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर बिहार पुलिस के साथ बैठक में चर्चा की गयी है. कार्रवाई के लिए सूचना के समय पर आदान-प्रदान के लिए व्यवस्था तैयार की जा रही है.

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बैठक में ये थे मौजूद

बैठक के दौरान झारखंड पुलिस से एडीजी प्रिया दूबे, आइजी सीआरपीएफ विधि कुमार विर्दी, आइजी स्पेशल ब्रांच प्रभात कुमार, आइजी सीआइडी असीम विक्रांत मिंज, डीआइजी एसटीएफ इंद्रजीत महथा सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे.

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