धनबाद : चंपाई सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में धनबाद के किसी नेता को जगह नहीं मिल पायी है. झारखंड में लगातार तीसरी सरकार में धनबाद का प्रतिनिधित्व नहीं हो पाया है. इससे यहां के लोगों को निराशा हाथ लगी है.
हेमंत सरकार पार्ट वन में मिला था अंतिम बार प्रतिनिधित्व
झारखंड में वर्ष 2013 में गठित हेमंत सरकार पार्ट वन में धनबाद के तत्कालीन विधायक रहे मो मन्नान मल्लिक को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. उन्हें पशुपालन, मत्स्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग मिला था. इसके बाद 2014 के अंत में यहां सत्तारुढ़ हुई रघुवर सरकार में धनबाद के किसी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया. जबकि 2014 के विधानसभा में भाजपा गठबंधन को छह में से पांच सीटों पर सफलता मिली थी. धनबाद, झरिया, सिंदरी एवं बाघमारा में भाजपा प्रत्याशी विजयी हुए थे. जबकि टुंडी से आजसू प्रत्याशी जीते थे. वर्ष 2019 के अंत में यहां सत्ता में लौटी हेमंत सरकार पार्ट टू में भी धनबाद के किसी नेता को जगह नहीं मिली. यहां झामुमो एवं कांग्रेस का एक-एक सीट पर कब्जा रहा. टुंडी के विधायक मथुरा प्रसाद महतो तीन टर्म के विधायक हैं. पहले भी यहां कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. झरिया की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के नाम के नाम की भी चर्चा हो रही थी. कांग्रेस कोटा से उन्हें मंत्री बनाने की बात आ रही थी. लेकिन, कांग्रेस ने इस बार भी पुराने चेहरों पर ही दावं लगाना उचित समझा.
झामुमो का जन्मस्थल रहा है धनबाद
झामुमो की स्थापना धनबाद में ही हुई थी. यहां पार्टी अपने विस्तार करने में लगी है. लेकिन, अब तक टुंडी छोड़ कर झामुमो यहां किसी विधानसभा सीट जीतने में सफल नहीं रही है. उम्मीद थी कि इस बार किसी को मंत्री बना कर इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव में जा सकती है. मंत्री का एक पद खाली है. यहां के नेताओं को उम्मीद है कि इस पद पर शायद धनबाद को प्रतिनिधित्व मिल जाये.