धनबाद आशीर्वाद टावर केस: राज्य सरकार ने भवनों के फायर सेफ्टी ऑडिट का जिलावार ब्योरा पेश करने के लिए मांगा समय
झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से नियमों के अनुपालन की जानकारी देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 17 मार्च की तिथि निर्धारित की. राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने बताया कि सभी जिलों से फायर ऑडिट का ब्योरा मांगा गया है.
रांची, राणा प्रताप. झारखंड हाईकोर्ट ने धनबाद के आशीर्वाद टावर व हाजरा क्लिनिक में आग लगने से 19 लोगों की दर्दनाक मौत को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को भवनों का फायर सेफ्टी ऑडिट का जिलावार ब्योरा प्रस्तुत करने के लिए समय दिया. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि राज्य में नेशनल बिल्डिंग कोड व झारखंड बिल्डिंग बायलॉज के नियमों का सख्ती से अनुपालन हो रहा है या नहीं. इसके लिए राज्य सरकार ने क्या-क्या कदम उठाया है ?
संपूर्ण रिपोर्ट दायर करने के लिए मांगा समय
झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से नियमों के अनुपालन की जानकारी देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 17 मार्च की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि सभी जिलों से फायर ऑडिट का ब्योरा मांगा गया है. कई जिलों का ब्योरा प्राप्त हो गया है. संपूर्ण रिपोर्ट दायर करने के लिए समय देने का आग्रह किया.
19 लोगों की मौत पर लिया स्वत: संज्ञान
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों धनबाद की हाजरा क्लीनिक व आशीर्वाद टावर में आग लगने से 19 लोगों की दर्दनाक मौत हो गयी थी. दर्जनों लोग घायल हो गये थे. मामले को गंभीरता से लेते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य के सभी उपायुक्त, एसएसपी, एसपी, नगर आयुक्त, नगर पर्षद के सीइओ को निर्देश दिया था कि अपने-अपने क्षेत्रों के भवनों का ऑडिट कराकर बिल्डिंग बायलॉज में जो मानक तय किये गये है, उसके अनुरूप कार्रवाई हुई है या नहीं. बहुमंजिले भवनों का फायर सेफ्टी ऑडिट कराते हुए उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.