धनबाद जज केस: झारखंड हाईकोर्ट ने सीबीआई की किस थ्योरी को किया खारिज और बताया सुनियोजित मर्डर
Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि मैन बिहाइंड मशीन का मामला बन गया है. खंडपीठ ने एक फिल्म के दृश्य का हवाला देते हुए बताया कि सीबीआई की मोबाइल लूट की थ्योरी में कोई सच्चाई नहीं है. यह मोबाइल लूट का मामला नहीं है.
Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट ने धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई की ओर से पेश की गई थ्योरी को खारिज कर दिया. झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से उपस्थित एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया एसबी राजू को घटना का सीसीटीवी फुटेज दिखाया. सीसीटीवी फुटेज दिखाते हुए खंडपीठ ने श्री राजू से कई सवाल पूछे. इसका उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया.
झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि मैन बिहाइंड मशीन का मामला बन गया है. खंडपीठ ने एक फिल्म के दृश्य का हवाला देते हुए बताया कि सीबीआई की मोबाइल लूट की थ्योरी में कोई सच्चाई नहीं है. यह मोबाइल लूट का मामला नहीं है. सीबीआई की मोबाइल लूट की थ्योरी में कोई दम नहीं है, क्योंकि घटना के सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद स्पष्ट हो जाता है कि यह सुनियोजित मर्डर है. यदि यह मोबाइल लूट का मामला होता तो टेंपो से टक्कर होने के बाद आरोपी उसमें से उतरते और मोबाइल लेकर चलते बनते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि टक्कर मारने के बाद टैंपू रुका भी नहीं. इसलिए सीबीआई की कहानी में कोई सच्चाई नहीं है. खंडपीठ ने कहा कि सीबीआई द्वारा अब तक की गयी जांच से वह संतुष्ट नहीं है. सीबीआई अब तक निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है. इस मामले में कोई बड़ा षड्यंत्र है और षड्यंत्रकारी पर्दे के पीछे है. ऐसा लगता है कि वह मामले को डाइवर्ट करने का प्रयास कर रहा है. दोनों आरोपी मोहरा जैसे हैं. खंडपीठ ने सीबीआई को अब तक की जांच से संबंधित सारे रिकॉर्ड, आरोपियों का नारको टेस्ट, ब्रेन मैपिंग सहित सारी रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी की तिथि निर्धारित की.
रिपोर्ट: राणा प्रताप