धनबाद जज केस: सीबीआई को जांच में मदद करेगी व्हाट्सएप कंपनी, झारखंड हाईकोर्ट में बोले अधिवक्ता कपिल सिब्बल
Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से व्हाट्सएप कंपनी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने खंडपीठ को बताया कि जिस बिंदु पर सीबीआई व्हाट्सएप से सहयोग चाहती है, वह करने को तैयार है.
Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट ने धनबाद के जज उत्तम आनंद मौत मामले की सीबीआई जांच को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान व्हाट्सएप कंपनी के मौखिक जवाब को देखते हुए शपथ पत्र दायर करने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ अप्रैल की तिथि निर्धारित की गयी है. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई हुई. इससे पूर्व व्हाट्सएप कंपनी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि जिस बिंदु पर सीबीआई व्हाट्सएप से सहयोग चाहती है, वह करने को तैयार है.
चैट का रिकॉर्ड देने में भी आपत्ति नहीं
सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यदि चैट का रिकॉर्ड उपलब्ध रहेगा, तो उसका डिटेल उपलब्ध कराने में व्हाट्सएप कंपनी को कोई आपत्ति नहीं है. सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता एसबी राजू ने पक्ष रखा. उन्होंने मामले की जांच की अद्यतन जानकारी खंडपीठ को दी. राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि धनबाद के जिला व सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत 28 जुलाई 2021 को मॉर्निंग वाक करने के दौरान टेंपो द्वारा टक्कर मारने से हो गई थी.
जारी है सीबीआई जांच
धनबाद जज उत्तम आनंद की मौत मामले में राज्य सरकार ने एसआइटी का गठन कर मामले की जांच शुरू की थी. पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था. बाद में झारखंड हाइकोर्ट ने पुलिस की जांच पर असंतोष प्रकट करते हुए मामले को सीबीआई को हैंड ओवर कर दिया था. सीबीआई द्वारा मामले की जांच जारी है. निचली अदालत में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दायर कर दी गई है. पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया था कि व्हाट्सएप सहयोग नहीं कर रहा है. इसके बाद हाइकोर्ट ने व्हाट्सएप को नोटिस जारी कर मामले में प्रतिवादी बनाने को कहा था.
रिपोर्ट: राणा प्रताप