धनबाद : झारखंड हाइकोर्ट ने जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर गुरुवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सीबीआइ की ओर से प्रस्तुत सीलबंद जांच रिपोर्ट को देखने के बाद नाराजगी जतायी. अगली सुनवाई के दाैरान सीबीआइ के जोनल डायरेक्टर को वर्चुअल उपस्थित होने का निर्देश दिया.
सीबीआइ को जांच की स्टेटस रिपोर्ट सीलबंद प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 23 सितंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा कि सीबीआइ की जांच रिपोर्ट में कुछ नया नहीं है. इतने दिन बीत जाने के बाद भी सीबीआइ की जांच दो आरोपियों की गिरफ्तारी से आगे नहीं बढ़ पायी है.
कोर्ट ने कहा कि कोई ब्रेक थ्रू नहीं मिला है. जांच की प्रगति रिपोर्ट सरकारी दफ्तर में बैठ कर तैयार की गयी प्रतीत होती है. रिपोर्ट प्रोफेशनल नहीं लग रही है. खंडपीठ ने यह भी कहा कि वह सीबीआइ के अगेंस्ट नहीं है, बल्कि जांच की वर्तमान प्रगति से नाराज हैं. खंडपीठ ने कहा कि अब तक मामले में रहस्य बना हुआ है. इस बड़े षड्यंत्र में क्या था. इसमें काैन शामिल हैं. झारखंड पुलिस ने 12 घंटे में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. अभी भी जांच वहीं पर रुका हुआ प्रतीत हो रहा है. सीबीआइ की जांच आगे नहीं बढ़ पायी है. रिपोर्ट देख ऐसा ही लगता है.
चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि ऑटो रिक्शावाले ने जज उत्तम आनंद को क्यों टक्कर मारी थी. यह अभी तक सीबीआइ पता नहीं लगा पायी है. कोर्ट जज की माैत के रहस्य से पर्दा उठा कर मामले को सुलझाना चाहता है.
उल्लेखनीय है कि धनबाद के जज उत्तम आनंद की सड़क दुर्घटना में मौत मामले को गंभीरता से लेते हुए झारखंड हाइकोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. सीबीआइ से पहले झारखंड पुलिस की एसआइटी मामले की जांच कर रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने जज उत्तम आनंद की मौत मामले में सुनवाई करते हुए सीबीआइ को निर्देश दिया था कि जांच का स्टेटस रिपोर्ट प्रत्येक सप्ताह झारखंड हाइकोर्ट को सौंपे. हाइकोर्ट जांच की मॉनीटरिंग कर रहा है.
Posted by : Sameer Oraon