Dhanbad Judge Murder Case : हाईकोर्ट ने पूछा-रांची FSL में जांच की सुविधा ही नहीं, तो फिर बनाया ही क्यों

झारखंड हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि एफएसएल के पास जांच की सुविधा का नहीं होना बहुत ही दुभार्ग्यजनक है. आखिर यह बना ही क्यों है, जब जांच की सुविधा ही नहीं दी गयी है. खंडपीठ ने गृह सचिव व एफएसएल के निदेशक को अगली सुनवाई के दौरान वर्चुअल तरीके से विस्तृत रिपोर्ट के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2021 6:38 PM

Dhanbad Judge Murder Case, रांची न्यूज (राणा प्रताप) : झारखंड हाइकोर्ट ने जज उत्तम आनंद की मौत मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई की ओर से प्रस्तुत जांच की प्रगति रिपोर्ट को देखने के बाद इस बात पर कड़ी नाराजगी जतायी कि फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (एफएसएल) रांची के पास जांच की सुविधा नहीं है. खंडपीठ ने गृह सचिव व एफएसएल के निदेशक को अगली सुनवाई के दौरान वर्चुअल तरीके से विस्तृत रिपोर्ट के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 अगस्त की तिथि निर्धारित की गयी.

झारखंड हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि एफएसएल के पास जांच की सुविधा का नहीं होना बहुत ही दुभार्ग्यजनक है. आखिर यह बना ही क्यों है, जब जांच की सुविधा ही नहीं दी गयी है. खंडपीठ ने गृह सचिव व एफएसएल के निदेशक को अगली सुनवाई के दौरान वर्चुअल तरीके से विस्तृत रिपोर्ट के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया. इस दौरान सीबीआइ को सीलबंद कवर में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 अगस्त की तिथि निर्धारित की गयी.

Also Read: Dhanbad Judge Murder Case : Narco Test के बाद गुजरात में अब आरोपियों की Brain Mapping, मिली कितनी कामयाबी

चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. खंडपीठ ने अपर महाधिवक्ता दर्शना पोद्दार मिश्र से पूछा कि एफएसएल में जांच की क्या-क्या सुविधा है. कौन-कौन सी सुविधा उपलब्ध नहीं है. सारे तकनीकी व गैर तकनीकी पद भरे हुए हैं या नहीं. खंडपीठ को सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया.

Also Read: Dhanbad Judge Murder Case : स्वतंत्रता दिवस पर CBI की घोषणा,धनबाद जज के हत्यारों का सुराग देने पर मिलेगा 5 लाख

सीलबंद कवर में जांच की स्टेटस रिपोर्ट दायर की गयी. सुनवाई के दौरान सीबीआइ की ओर से मामले के अनुसंधानकर्ता वर्चुअल तरीके से उपस्थित थे. सीबीआइ की ओर से बताया गया कि घटना की रिक्रिएशन व ऑटो की फारेंसिंक जांच की रिपोर्ट अभी तक नहीं प्राप्त हुई है. आपको बता दें कि जज उत्तम आनंद की सड़क दुर्घटना में मौत मामले को गंभीरता से लेते हुए झारखंड हाइकोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. झारखंड पुलिस एसआइटी गठित कर मामले की जांच कर रही थी. इसी बीच राज्य सरकार ने मामले की सीबीआइ जांच की अनुशंसा की. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि जांच का स्टेटस रिपोर्ट प्रत्येक सप्ताह झारखंड हाईकोर्ट को सौंपे. हाईकोर्ट जांच की मॉनिटरिंग कर रहा है.

Also Read: JOB 2021 : झारखंड में डॉक्टरों की होगी बंपर बहाली, रेडियोलॉजिस्ट व मेडिकल अफसर भी होंगे नियुक्त, ये है सैलरी

Posted By : Guru Swarup Mishra

Next Article

Exit mobile version