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एक आंख रोशनी से महरूम, पर क्या खूब फोटोग्राफी करते हैं रांची के धीमान

रांची के धीमान चक्रवर्ती मुंबई में क्रिएटिव फोटोग्राफी से पहचान बना रहे हैं. फ्रीलांसर फोटाेग्राफर के तौर पर स्ट्रीट फोटोग्राफी और डाक्यूमेंट्री बना रहे हैं.

रांची. साउथ ऑफिस डोरंडा, रांची के धीमान चक्रवर्ती मुंबई में अपनी क्रिएटिव फोटोग्राफी से पहचान बना रहे हैं. धीमान फ्रीलांसर फोटाेग्राफर के तौर पर स्ट्रीट फोटोग्राफी और डाक्यूमेंट्री बना रहे हैं. 2022 में रघुराय सेंटर फॉर फोटोग्राफी गुड़गांव से डिप्लोमा इन क्रिएटिव फोटोग्राफी का काेर्स करने के बाद धीमान मुंबई पहुंचे. स्ट्रीट फोटोग्राफी करते हुए कॉमर्शियल एड, फैशन फोटोग्राफी और डाक्यूमेंट्री शूट से जुड़े. उनकी कई तस्वीर अंतरराष्ट्रीय फोटोग्राफी सेलॉन में जगह बनाने में सफल रही है. अपना संघर्ष साझा करते हुए बताया कि जब उनकी उम्र दो वर्ष थी, तभी दाहिनी आंख की रेटिना में ट्यूमर हो गया था. ऑपरेशन के जरिये तो निकाल दिया गया, पर दाहिनी आंख की रोशनी चली गयी. एक आंख खो के बावजूद धीमान ने हिम्मत नहीं हारी. जेवीएम श्यामली से 2016 में पासआउट होने के बाद क्रिएटिव कोर्स की तलाश में थे. मित्र से विजुअल इफेक्ट्स कोर्स की जानकारी मिली. एडवर्टिजमेंट की दुनिया में फोटोग्राफी का महत्व समझ उन्होंने इसे करियर के रूप में चुन लिया. पिता बासुदेव चक्रवर्ती ने भी हिम्मत दी. फोटोग्राफी के लिए अपनी बायीं आंख को ताकत बनाया. धीमान कहते हैं : क्रिएटिविटी के लिए पैशन की जरूरत है. इससे लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है. धीमान की मां अपर्णा चक्रवर्ती संत जेवियर्स स्कूल की शिक्षिका हैं. पिता सेल सिटी में केमिकल इंजीनियर हैं.

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