धीरज साहू कैश-कांड: इनकम टैक्स के एक ऑपरेशन में जब्त की गई अब तक की सबसे बड़ी रकम

धीरज साहू के घर से अभी तक जितने नकद जब्त हुए हैं, वह देश में अब तक जब्त सबसे बड़ी नकदी है. सांसद धीरज साहू से जुड़ी जब्ती को आयकर विभाग द्वारा एक ही ऑपरेशन में बेहिसाब नकदी की अब तक की सबसे बड़ी जब्ती के रूप में रिकॉर्ड बुक में दर्ज किया जाना तय है.

By Jaya Bharti | December 17, 2023 2:55 PM

Dhiraj Sahu Cash Scandal: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू से जुड़े झारखंड और ओडिशा स्थित विभिन्न ठिकानों पर आयकर की छापेमारी के बाद बरामद हुए करोड़ों रुपये चर्चा में है. सांसद के घर से मिले बेहिसाब नकद को गिनने में कई मशीनें हांफ गईं. नोटों की गिनती के दौरान 29 मशीनें जल गईं. जिसके बाद हैदराबाद से बड़ी-बड़ी मशीनें मंगानी पड़ी थी. धीरज साहू के घर से अभी तक जितने नकद जब्त हुए हैं, वह देश में अब तक जब्त सबसे बड़ी नकदी है. 6 दिसंबर को आईटी ने धीरज साहू के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की थी, उसके बाद नोटों की गिनती पूरी करने में 4 दिन का समय लग गया. 10 दिसंबर तक बैंककर्मियों के ओवरटाइम और कई मशीनों की मदद से नोटों की गिनती पूरी हो सकी. सटीक आंकड़ा अभी आना बाकी है, लेकिन अनुमान है कि यह 351 करोड़ रुपये से कहीं अधिक रुपये जब्त किये गए हैं. सांसद धीरज साहू से जुड़ी जब्ती को आयकर विभाग द्वारा एक ही ऑपरेशन में बेहिसाब नकदी की अब तक की सबसे बड़ी जब्ती के रूप में रिकॉर्ड बुक में दर्ज किया जाना तय है.

6 दिसंबर को हुई थी छापेमारी

बता दें कि कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज साहू से जुड़े बौध डिस्टिलरी बिजनेस ग्रुप के ओडिशा व झारखंड स्थित ठिकानों पर आयकर विभाग ने एक गुप्त सूचना के बाद छापामारी शुरू की थी. धीरज साहू के साहू के रांची आवास और लोहरदगा में पैतृक घर सहित 40 से अधिक स्थानों पर छापे मारे गए. देश की सबसे बड़ी आयकर छापेमारी में धीरज साहू के ठिकानों से नोटों से भरे 176 बैग बरामद किए गए. इसके अलावा नोटों से भरी हुई 30 अलमारियां भी मिलीं. इतने अधिक नोट शायद ही किसी ने एक साथ देखें होंगे. धीरज साहू के घर से अलमारियों और बैग में मिल नोटों का वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसे देखकर सबकी आंखें फटी की फटी रह गईं. साहू से जुड़ी कई और संस्थाएं अभी भी जांच के दायरे में हैं. समूह के अंतर्गत तीन अन्य कंपनियों में से एक, बलदेव साहू इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, का नेतृत्व साहू के बेटे हर्षित द्वारा किया जाता है. धीरज साहू ने खुद मेसर्स बलदेव साहू एंड संस में निवेश किया है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि ये बीडीपीएल से जुड़े हैं या नहीं.

धीरज साहू मामले की जांच कर सकती है सीबीआई और ईडी

धीरज साहू के विभिन्न ठिकानों से 351 करोड़ रुपये से अधिक कैश बरामदगी मामले की जांच सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय (इडी) से कराने की मांग की गयी है. इसे लेकर जमशेदपुर निवासी प्रार्थी दानियल दानिश ने झारखंड हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि धीरज साहू के ठिकानों से अरबों का कैश बरामद किया जाना गंभीर मामला है. इतना कैश रखना आर्थिक अपराध जैसा है. प्रार्थी ने इस मामले में केंद्र सरकार, सीबीडीटी के अध्यक्ष, आयकर महानिदेशक (अनुसंधान), प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक, सीबीआइ निदेशक और मुख्य निर्वाचन आयुक्त को मामले में प्रतिवादी बनाया है. याचिका में मुख्य निर्वाचन आयुक्त को धीरज साहू की सदस्यता के मामले में स्वत: संज्ञान लेने को लेकर निर्देश देने का आग्रह किया गया है.

आयकर की कार्रवाई के बाद पहली बार धीरज साहू आए सामने

आईटी की कार्रवाई के बाद 15 दिसंबर को धीरज साहू पहली बार मीडिया के सामने आए और अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि आयकर द्वारा बरामद पैसा उनके परिवार से संबंधित व्यवसाय का है. इसका कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है. वहीं, बरामद पैसों के ‘काला धन’ होने के भाजपा के दावों पर साहू ने कहा कि यह आयकर विभाग तय करेगा. समय आने पर सारी चीजें स्पष्ट हो जायेंगी. सांसद साहू ने कहा- यूं तो मैं वर्ष 1977 में ही राजनीति में आ गया था, लेकिन सक्रिय राजनीति में 30-35 वर्षों से हूं. मेरे बड़े भाई शिव प्रसाद साहू दो बार रांची के सांसद रहे. मेरे पिता स्व बलदेव साहू बड़े समाजसेवी थे. उन्होंने हमेशा गरीबों की मदद की. हमारे परिवार ने रांची, लोहरदगा और ओडिशा में कई विकास कार्य किये. कई स्कूल और कॉलेज खोले. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि जो पैसा पकड़ा गया है, वह मेरे परिवार से जुड़े फर्म का है. हमारा परिवार करीबन 100 वर्ष से ज्यादा समय से शराब का कारोबार चला रहा है. इस दौरान हमने सरकार को काफी रेवेन्यू भी दिया है. इसके बावजूद आयकर की छापेमारी की यह घटना पहली बार मेरे साथ हुई, जिससे दिल में गहरी चोट पहुंची है. तब मैं दिल्ली में था. उस समय भी मैं मीडिया के समक्ष अपनी बात रखना चाहता था, लेकिन शर्म से सामने नहीं आया.

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