झारखंड की कई नदियों के कछार में की जायेगी हीरे की खोज, केंद्र की मिली मंजूरी

नदी के किनारे जहां जमीन से कीड़ा, फतिंगे, मुसा, दीमक पाये जाते हैं, उन स्थान इसमें शामिल किया गया है. झारखंड में जहां अन्य खनिज बड़े पैमाने में निकाले जा रहे हैं

By Prabhat Khabar News Desk | November 19, 2023 7:49 AM

हजारीबाग, सलाहुद्दीन : झारखंड के रांची और पलामू प्रमंडलीय जिलों की कई नदियों के कछार में हीरा खोजा जायेगा. केंद्र सरकार के खान मंत्रालय ने इस परियोजना को स्वीकृति दे दी है. भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग ने 2019 में यह परियोजना तैयार की है. इसके लिए मुगल शासन के ‘जहांगीरनामा’ से लेकर 1917 तक दर्जनों विश्व प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकों में झारखंड के ‘डायमंड रिवर’ का नक्शा और अन्य जानकारियों को आधार बनाया गया है.

फ्रांसिसी यात्री जेबी ट्रेवर्नियर के भारत यात्रा वृतांत पुस्तक में जारी नक्शा छोटानागपुर में डायमंड रिवर के पास भी खोजबीन होगी. इसके लिए रांची, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, लातेहार समेत कई जिलों के नदी विशेषकर कोयल, शंख नदी का सर्वेक्षण होगा. नदी के किनारे जहां जमीन से कीड़ा, फतिंगे, मुसा, दीमक पाये जाते हैं, उन स्थान इसमें शामिल किया गया है. झारखंड में जहां अन्य खनिज बड़े पैमाने में निकाले जा रहे हैं, वहां भी सर्वेक्षण होगा.

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विनोबा भावे विवि के इतिहास विभाग के प्रो डॉ चंदन कुमार ने बताया कि रांची अशोक नगर स्थित क्षेत्रीय भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों से मिला था. केंद्र सरकार के खान मंत्रालय के निर्णय के बाद झारखंड में हीरा खोजने की परियोजना पर अधिकारियों से बातचीत की थी. अधिकारियों ने कहा कि हीरा खोजने की परियोजना पर काम हो रहा है. इस पर प्रो चंदन कुमार ने जहांगीरनामा के अलावा 20 विश्व प्रसिद्ध लेखकों के पुस्तक में झारखंड में हीरा पाये जाने के उल्लेख की जानकारी दी.

जहांगीरनामा व दर्जनों पुस्तकों में झारखंड में हीरे होने की पुष्टि :

जहांगीरनामा के अनुवादक मुंशी देवी प्रसाद व दूसरे अनुवादक ब्रजरत्नदास ने बताया रांची की शंख नदी के किनारे छोटे-बड़े दोनों तहर के हीरे पाये जाते हैं. तुजुक-ए-जहांगीरी के अनुवादक डॉ मथुरालाल शर्मा ने भी इसकी पुष्टि की है.

एच कुपलेन ने बंगाल डिस्ट्रक्ट गजेटियर मानभूम में नागवंशियों के क्षेत्राधिकार में हीरा होने की बात लिखी है. जबकि, बिहार डिस्ट्रिक्ट गजेटियर रांची में एमजी हैलिट ने रांची की शंख नदी के कछार में हीरा होने का उल्लेख किया है है. प्रो जोन डाउसन ने पुस्तक ‘द हिस्ट्री ऑफ इंडिया एज टोल्ड बॉय इट्स ऑन हिस्टोरियन’ में झारखंड की शंख नदी के किनारे छोटे-बडे दोनों प्रकार के हीरे पाये जाने का जिक्र किया है.

इसके अलावा कर्नल डाल्टन की पुस्तक इथनोलॉजी ऑफ बंगाल, जेबी ट्रेविनियर की पुस्तक ट्राइबल्स इन इंडिया, डब्ल्यूएच मोरलैंड की पुस्तक, सीएफ जॉर्ज की पुस्तक वाट ए डिक्शनरी ऑफ द इकोनॉमिक प्रोडक्ट ऑफ इंडिया, वी बाल ने अपनी पुस्तक द डायमंडस, कोल एंड गोल्ड ऑफ इंडिया आदि में भी इस तरह के जिक्र हैं.

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