रांची: झारखंड के बच्चों को डायरिया (रोटावायरस) से बचाने के लिए नयी दवा का उपयोग होगा. नयी दवा तरल रूप में होगी, जिसके एक वायल से एक ही बच्चे को दवा दी जायेगी. इससे पहले रोटावायरस की दवा पाउडर में होती थी, जिसे तरल रूप में तैयार कर बच्चों को लगाया जाता था. वहीं, नयी दवा लिक्विड रूप में होगी, जिसे तैयार करने की जरूरत नहीं होगी. स्वास्थ्य विभाग ने इसकी खेप जिला अस्पताल के सेंटरों में पहुंचा दी है. रांची में गुरुवार से टीकाकरण होगा.
डायरिया के अधिकांश मामले रोटावायरस के कारण : शिशु चिकित्सक डॉ अनिताभ कुमार ने बताया कि देश में सबसे ज्यादा डायरिया के मामले रोटावायरस के कारण होते हैं. इससे पांच साल से कम उम्र के बच्चे ज्यादा चपेट में आते हैं.
राज्य में नयी दवा का उपयोग शुरू करने को लेकर एक सप्ताह से रोटावायरस का टीकाकरण नहीं हो रहा था. स्वास्थ्य विभाग का निर्देश है कि पहले से स्टॉक में रोटवायरस की जितनी पुरानी दवाएं उपलब्ध हैं, उनका उपयोग हो. स्टॉक खत्म होने के बाद नयी दवा का उपयोग किया जाये.