समय पर इलाज के लिए नहीं मिली छुट्टी, एसआइआरबी रसोइया के बेटे की हो गयी मौत
बेटे का शव लेकर रोते-बिलखते गुमला स्थित पैतृक गांव अंतिम संस्कार के लिए गयी
वरीय संवाददाता, रांची. एसआइआरबी-2 (स्पेशल इंडियन रिजर्व बटालियन) खूंटी की रसोइया जयमुनी कुमारी के डेढ़ वर्ष के पुत्र दिव्यांश कुमार मल्लाह की रांची के रानी चिल्ड्रेन अस्पताल में सोमवार की अहले सुबह मौत हो गयी. जयमुनी कुमारी कोरबा आदिम जनजाति की है. इस संबंध में जयमुनी ने बताया कि उसे ऑपरेशन से बच्चा हुआ था. एसआइआरबी-2 से प्रतिनियुक्ति पर उसे रामगढ़ जेल भेजा गया था. तीन नवंबर 2024 को वहां पर उसने योगदान दिया था. 14 नवंबर को वहीं पर उसके बेटे की तबीयत खराब हो गयी. शुक्रवार को रामगढ़ में डॉक्टर से दिखाया. जांच में बच्चे के ब्लड में इंफेक्शन का पता चला. वहीं के डॉक्टर ने बच्चे को रांची इलाज के लिए ले जाने को कहा. इसके बाद उसने कंपनी कमांडर गोपाल से बेटे की इलाज के लिए छुट्टी मांगी. लेकिन उन्होंने यह कहते हुए छुट्टी देने से मना कर दिया कि वह अभी छुट्टी नहीं दे सकते हैं. रविवार की देर शाम बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब हो गयी. तब वह फिर से रामगढ़ में डॉक्टर से दिखाने गयी. वहां से डॉक्टर ने कहा कि तुरंत इसको रांची के रानी चिल्ड्रेन अस्पताल ले जायें. फिर वह कंपनी कमांडर को फोन कर बेटे को लेकर एंबुलेंस से रानी चिल्ड्रेन अस्पताल लेकर आयी. लेकिन सोमवार की सबुह चार बजे इलाज के दौरान वहां पर बेटे की मौत हो गयी. उसने कहा कि अगर समय पर उसे बेटे के इलाज के लिए छुट्टी मिल गयी होती, तो आज बेटा उसके साथ होता. इसके बाद वह रोते-बिलखते बेटे का शव लेकर गुमला जिले के जारी थाना अंतर्गत पुंडी गांव अंतिम संस्कार के लिए चली गयी. घटना की जांच कर हो कार्रवाई, ऐसी घटना की न हो पुनरावृत्ति : मामले को लेकर झारखंड राज्य आदिम जनजाति एवं जन कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप बिरहोर ने कहा कि एसआइआरबी-2 की कमांडेंट पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करें. साथ ही ऐसी घटना की पुनरावृत्ति भविष्य में न हो, यह सुनिश्चित करें.
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