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पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप ने हवाला के जरिये दिल्ली पहुंचाया था 48 लाख रुपये

रांची़ पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप ने हवाला के जरिये लेवी में वसूली गये 48 लाख रुपये को दिल्ली पहुंचाया था.

रांची़ पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप ने हवाला के जरिये लेवी में वसूली गये 48 लाख रुपये को दिल्ली पहुंचाया था. इसके लिए हवाला कारोबारियों की मदद ली गयी थी. लेन-देन के लिए उसने 10 रुपये के नोट को कोडवर्ड बनाया गया था. इस बात का खुलासा नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) ने अपनी रिपोर्ट में किया है. रिपोर्ट में दिनेश गोप के स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर इस बात का उल्लेख किया गया है कि सुमंत कुमार, जितेंद्र कुमार, नवीन भाई जयंती भाई पटेल और चंद्रशेखर सिंह ने दिनेश गोप से कहा था कि वे एक आदमी के संपर्क में आये थे. वह व्यक्ति भारत सरकार के पास दिल्ली में दिनेश गोप का सरेंडर करा सकता है. उक्त रुपये सरेंडर कराने के नाम पर दिल्ली में राजनेताओं के साथ बैठक करने और सरेंडर कराने के नाम पर लिये गये थे. दिनेश गोप ने लेवी के उक्त पैसे सड़क निर्माण कार्य से जुड़े ठेकेदार, क्रशर के मालिक, ट्रांसपोर्टर, व्यवसायी सहित अन्य लोगों से वसूले थे. हवाला कारोबारी ने 10 रुपये का नोट कोडवर्ड के रूप में किया था इस्तेमाल एनआइए की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली पैसा भेजने से पहले जितेंद्र कुमार और सुमंत कुमार रांची में ही थे. उन्होंने अपने एक कर्मी और चालक को एक बैग में 48 लाख रुपये के साथ हवाला कारोबारी प्रशांत कुमार जैन के पास भेजा था. प्रशांत कुमार जैन ने ही 10 रुपये के नोट का सीरियल नंबर रुपये लेन-देन करने के दौरान कोडवर्ड के रूप में इस्तेमाल किया था. दिल्ली में रुपये भेजने के बाद इसे सूरज कुमार से रिसीव किया गया था. इसके बाद पैसे को दिल्ली के एक होटल में लेकर पहुंचाया गया, जहां इसे नवीन भाई पटेल और नंदलाल स्वर्णकार को देना था. कॉल रिकॉर्ड के विश्लेषण के आधार पर एनआइए ने यह भी पाया है कि दो अलग-अलग मोबाइल नंबर से सुमंत कुमार और नवीन भाई पटेल के बीच 35 बार बातचीत हुई थी. जबकि नंदलाल स्वर्णकार और सुमंत के बीच 276 बार बातचीत हुई थी. इसके अलावा जितेंद्र कुमार और सुमंत कुमार के बीच सैंकड़ों बार बातचीत हुई थी.

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